स्पीकर बने आलमगीर तो झारखंड विधानसभा में हुई अवैध नियुक्ति, पैरवी पुत्रों को बांटी गयी थी नौकरी

आलमगीर आलम के स्पीकर रहते विधानसभा में अवैध नियुक्तियों का खेल हुआ. वह तीन वर्षों तक स्पीकर रहे और अलग-अलग पदों पर 324 नियुक्तियां हुई. सारे के सारे पद नेताओं के सगे-संबंधि और पैरवी पुत्रों को बांट दी गयी थी.

By Prabhat Khabar News Desk | May 16, 2024 12:36 AM

रांची (ब्यूरो प्रमुख). आलमगीर आलम के स्पीकर रहते विधानसभा में अवैध नियुक्तियों का खेल हुआ. वह तीन वर्षों तक स्पीकर रहे और अलग-अलग पदों पर 324 नियुक्तियां हुई. सारे के सारे पद नेताओं के सगे-संबंधि और पैरवी पुत्रों को बांट दी गयी थी. नियम-कानून को ताक में रखकर स्पीकर ने नियुक्ति की अनुशंसा की थी. 150 सहायक के पद सीधे नेताओं की पैरवी पर दी गयी. इसका खुलासा एक सदस्यीय विक्रमादित्य आयोग ने किया. हालांकि बाद में हेमंत सोरेन सरकार ने विक्रमादित्य आयोग की समीक्षा के लिए एक सदस्यीय पूर्व न्यायाधीश एसजे मुखोपाध्याय आयोग बनाया. इसकी भी रिपोर्ट आ चुकी है. फिलहाल मामला हाइकोर्ट में चल रहा है. अवैध रूप से नियुक्त लोगों को प्रोन्नति भी मिल गयी है.

नियुक्ति घोटाले की सीडी भी बाहर आयी, पैसे लेन-देन की बात सामने आयी

आलमगीर आलम के स्पीकर रहते हुए घोटाले से जुड़ी एक सीडी भी बाहर आयी थी. इसकी जांच विक्रमादित्य आयोग से पहले विधानसभा की कमेटी ने भी की थी. विधानसभा की कमेटी ने इसकी जांच किसी बड़ी एजेंसी से कराने की अनुशंसा की थी. यह सीडी सरयू राय ने जांच के लिए विधानसभा को दी थी. इसमें पैसे के लेन-देन की बात विधानसभा का एक कर्मी कर रहा था. हालांकि बाद में इस पूरे मामले को दबा दिया गया. आलमगीर आलम के कार्यकाल में हुई नियुक्ति प्रक्रिया पर राज्यपाल ने भी सवाल उठाये. राज्यपाल ने एक पत्र लिख कर स्पीकर को नियुक्ति मामले में पक्ष पूछा था. इसके बाद जांच आयोग बना.

बोर्ड के सदस्य रहे व्यस्त, तो टंकक ने लिया इंटरव्यू

राज्यपाल के पत्र से कई गंभीर अनियमितता सामने आयी थी. साक्षात्कार में अनियमितता बरतने की बात सामने आयी. 29 जनवरी 2007 से शुरू इंटरव्यू में साक्षात्कार बोर्ड के अध्यक्ष कौशल किशोर प्रसाद और सोनेत सोरेन के विधानसभा सत्र व स्थापना कार्यो में व्यस्त रहने के कारण, उनकी जगह टाइपिंग शाखा के तारकेश्वर झा और महेश नारायण सिंह बोर्ड में शामिल हो गये. टंकक ने इंटरव्यू लिये और बोर्ड के सदस्यों ने हस्ताक्षर कर दिये. राज्यपाल की इस आपत्ति पर अब तक जांच नहीं हो सकी. एक दिन में 200 से 600 लोगों का साक्षात्कार लिया गया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version