बालू का हो रहा अवैध खनन और ढुलाई

डकरा के केडीएच में लगभग 900 करोड़ की लागत से बन रहे साॅयलो प्रोजेक्ट के काम में खुलेआम अवैध बालू का इस्तेमाल किया जा रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 21, 2024 6:23 PM

प्रतिनिधि, डकरा : डकरा के केडीएच में लगभग 900 करोड़ की लागत से बन रहे साॅयलो प्रोजेक्ट के काम में खुलेआम अवैध बालू का इस्तेमाल किया जा रहा है. एनजीटी के रोक के बावजूद एक तरफ जहां सीधे दामोदर नद से बालू उठाया जा रहा है, वहीं गलत तरीके से चालान खरीदकर राज्य सरकार को राजस्व का भी नुकसान कराया जा रहा है. कंपनी के लोग क्षेत्र के कुछ सफेदपोशों के साथ मिलकर सुनियोजित तरीके से बालू का अवैध कारोबार कर रहे हैँ. एनजीटी के रोक के कारण सीसीएल और राज्य सरकार से जुड़े कई काम बालू के कारण रुके हुए हैं, लेकिन मधुकाॅन और राइट्स का काम कभी भी बंद नहीं हुआ. प्लांट से दामोदर नद की दूरी मात्र 200 से 250 मीटर है. ढ़ुलाई के लिए जिस सड़क का इस्तेमाल किया जा रहा है, उसका उपयोग कोयला खदानों में काम करनेवाले कर्मी, रोहिणी, करकट्टा, धमधमियां और पुरनाडीह के आसपास रहनेवाले बड़ी संख्या में ग्रामीण करते हैं. प्रति माह सवा करोड़ रुपये का होता है कारोबार : एक ट्रैक्टर बालू के एवज में कंपनी 1600 रुपये देती है. जिसमें काम करनेवाले लोग ट्रैक्टर वाले को लोडिंग-अनलोडिंग, ढुलाई के एवज में प्रति ट्रैक्टर 800 रुपये देते हैं और बचे हुए 800 रुपये में पूरी व्यवस्था को मैनेज किया जाता है. 25 ट्रैक्टर को प्रतिदिन इस काम में लगाया जाता है. सभी एक दिन में 10-10 ट्रिप ढ़ुलाई करते हैं. प्रतिदिन 250 ट्रैक्टर बालू प्लांट में पहुंचाया जाता है. एक दिन के काम में कंपनी चार लाख और महीने में एक करोड़ 20 लाख रुपये खर्च कर रही है. संभवतः यही कारण है कि ऐसे अवैध काम को रोकने के लिए जवाबदेह सरकारी पदाधिकारी खामोश हैं. अकांउट पेमेंट कर रही है कंपनी : अवैध काम की देखरेख करनेवाले लोगों ने पूरी व्यवस्था को मैनेज कर लिया है. वे कंपनी से अपने अकाउंट में बालू सप्लाई का पैसा ले रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि कंपनी जीएसटी एड कर पेमेंट कर रही है. ऐसे में राॅयल्टी का भुगतान कैसे किया जा रहा है, यह एक बड़ा सवाल है. इसके अलावा चालान दूसरे जगहों से खरीदा जा रहा है. क्योंकि आसपास कहीं भी बालू स्टाॅक करने के लिए कोई अधिकृत नहीं है. रांची भेजा जा रहा है बालू : चूरी सपही नदी का बालू राय, बुढ़मू, ठाकुरगांव होते हुए रांची भेजा जा रहा है. इस काम को भी बहुत सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया जा रहा है. इस काम में लगभग 100 ट्रैक्टर और ढुलाई के लिए जेसीबी मशीन तक का इस्तेमाल किया जा रहा है. संज्ञान में आया है कठोर कार्रवाई की जायेगी : सीओ : खलारी सीओ प्रणव अंबष्ट से पूछने पर बताया कि मेरे संज्ञान में मामला आया है. जो लोग भी इसमें संलिप्त पाए जायेंगे, किसी को बख्शा नहीं जायेगा. जांच के बाद कार्रवाई अवश्य की जायेगी. बालू सप्लाई का काम जिन्हें दिया गया है, वह सभी जरूरी कागजी अर्हता को पूरा कर रहे हैं. इसलिए बालू कहां से और कैसे लाया जा रहा है, यह हमलोग नहीं देख रहे हैं. पेपर ऑल ओके है. यह कहना है मधुकाॅन के महाप्रबंधक इदरिश अंसारी का.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version