Jharkhand News: झारखंड में अवैध खनन का होगा सर्वेक्षण, ED की सूचना के बाद केंद्र सरकार का बड़ा फैसला
ईडी ने पिछले दिनों केंद्रीय वन एवं पर्यावरण विभाग की सचिव लीना नंदन को एक पत्र लिखा था. ईडी के इस पत्र में वर्णित तथ्यों की गंभीरता को देखते हुए अवैध खनन का सर्वेक्षण कराने का फैसला किया गया है.
केंद्र सरकार ने झारखंड में चल रहे अवैध खनन का सर्वेक्षण कराने का फैसला किया है. ईडीने केंद्र सरकार को राज्य में जारी अवैध खनन के सिलसिले में सूचना दी थी. इसमें अवैध खनन को राज्य के पर्यावरण के लिए खतरनाक बताया गया है. ईडी की इस सूचना के बाद हुई उच्चस्तरीय बैठक में उपरोक्त फैसला किया गया. सर्वेक्षण का काम जल्द ही शुरू कराये जाने की संभावना है.
ईडी ने पिछले दिनों केंद्रीय वन एवं पर्यावरण विभाग की सचिव लीना नंदन को एक पत्र लिखा था. ईडी के इस पत्र में वर्णित तथ्यों की गंभीरता को देखते हुए अवैध खनन का सर्वेक्षण कराने का फैसला किया गया है. सर्वेक्षण के लिए अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जायेगा. इडी ने सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि साहिबगंज में जारी अवैध खनन की जांच के दौरान इस बात की जानकारी मिली कि झारखंड में अलग-अलग क्षेत्रों में अवैध खनन हो रहा है.
राज्य में सामान्य क्षेत्रों के अलावा वन क्षेत्र और जंगल-झाड़ के रूप में चिह्नित क्षेत्रों में भी अवैध खनन हो रहा है. कुछ लोग वन क्षेत्र में भी अवैध खनन कर रहे हैं. जिन लोगों को राज्य सरकार की ओर से लीज नहीं मिला है, वे भी अलग-अलग क्षेत्रों में अवैध खनन कर रहे हैं. इसके अलावा लीजधारी भी अवैध खनन में शामिल हैं. लीजधारकों द्वारा लीज क्षेत्र से बाहर जाकर अवैध खनन किया जा रहा है.
अवैध खनन से राज्य को किसी तरह के राजस्व की प्राप्ति नहीं हो रही है. साथ ही पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है. अवैध खनन से पर्यावरण को होनेवाले नुकसान की भरपाई नहीं की जा सकती है. अवैध खनन की वजह से पहाड़ी क्षेत्र समतल हो रहे हैं. जमीन की उर्वरता कम हो रही है और दूसरे तरह के भी नुकसान हो रहे हैं. विभागीय सचिव को लिखे गये पत्र में अवैध खनन की स्थिति की गंभीरता को बताने के लिए अवैध खनन के सहारे मनी लाउंड्रिंग की जांच के दौरान मिले तथ्यों का उल्लेख किया गया है.
कहा गया है कि साहिबगंज में जांच के दौरान इस बात की जानकारी मिली कि राज्य में विभिन्न जिलों में अवैध खनन के सिलसिले में 100 से अधिक प्राथमिकियां दर्ज की गयी हैं. सिर्फ साहिबगंज जिले में जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ मिल कर 19 अवैध खनन स्थलों की जांच में 23.26 करोड़ रुपये मूल्य का पत्थर निकाले जाने का आकलन किया गया. जिले के बरहरवा, साहिबगंज और बिहार के पिरपैंती रेलवे साइडिंग से अवैध खनन के सहारे निकाले गये 1350 करोड़ रुपये के मूल्य के पत्थर और स्टोन चिप्स का परिवहन किया गया.
सिर्फ साहिबगंज जिले से ही प्रति दिन औसतन 400 ट्रक अवैध पत्थर राज्य से बाहर भेजे जाते हैं. वन सचिव को लिखे गये पत्र में इडी ने अवैध खनन के मामले में पंकज मिश्रा व अन्य को गिरफ्तार किये जाने और स्टीमर दुर्घटना की भी जानकारी दी है.
झारखंड के वन क्षेत्र और जंगल-झाड़ के रूप में चिह्नित क्षेत्रों में भी हो रहा है अवैध खनन
लीजधारी भी कर रहे अवैध खनन, ये लीज क्षेत्र से बाहर जाकर अवैध खनन कर रहे हैं
अवैध खनन की वजह से पहाड़ी क्षेत्र समतल हो रहे हैं, जमीन की उर्वरता कम हो रही है
राज्य में विभिन्न जिलों में अवैध खनन के सिलसिले में 100 से अधिक प्राथमिकियां दर्ज हैं
साहिबगंज जिले से ही प्रतिदिन औसतन 400 ट्रक अवैध पत्थर राज्य से बाहर जा रहा है
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