Jharkhand Weather: झारखंड में मानसून सक्रिय है. कई जिलों में पिछले 24 घंटे में जमकर बारिश हुई है. आज भी कुछ जिलों में हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश का अनुमान है. मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, सात और आठ जुलाई को राजधानी और उसके आसपास के जिलों में भारी बारिश हो सकती है. इस दौरान गर्जन और वज्रपात की आशंका है. इसे लेकर मौसम विज्ञान केंद्र ने येलो अलर्ट भी जारी किया है
देवघर के घोरमारा में सबसे अधिक 85 मिमी बारिश, राजधानी में घंटे भर हुई बरसात
मौसम केंद्र ने सात और आठ जुलाई को संभावित बारिश को देखते हुए लोगों से सतर्क रहने की अपील की है. विभाग ने यह भी बताया है कि बारिश के बाद अधिकतम तापमान गिर सकता है. आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में देवघर जिले के घोरमारा में सबसे अधिक 85 मिमी, जरमुंडी में 76 मिमी, कोलेबिरा में 62 मिमी और सिमडेगा में 52 मिमी के आसपास बारिश दर्ज की गयी है. वहीं, मंगलवार शाम राजधानी में भी में करीब घंटे भर जमकर बारिश हुई. आज भी कई जिलों में हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश होने का आसार है. इस दौरान गर्जन के साथ वज्रपात की भी आशंका है.
झारखंड में आये दिन होती हो वज्रपात से मौत, ऐसे करें बचाव
मंगलवार को हुई बारिश के दौरान राज्य के अलग-अलग जिलों वज्रपात से 10 लोगों की मौत हो गई. वहीं 7 मवेशी भी वज्रपात की चपेट में आ गए. बारिश के बीच झारखंड में आये दिन लोग वज्रपात से अपनी जान गंवा बैठते हैं. ऐसे में वज्रपात से बचाव के लिए इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है-
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किसी तरह का अलर्ट जारी होने पर लोग सतर्क और सावधान रहें.
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मेघ गरजने लगे और बारिश हो, तो सुरक्षित जगह पर शरण लें.
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किसी भी सूरत में मेघ गर्जन की हालत में पेड़ के नीचे शरण न लें.
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अगर आप किसी बिजली के खंभे के आसपास हैं, तो उससे दूर हो जायें.
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बारिश और मेघ गर्जन के दौरान किसान इस समय अपने खेतों में जाने से बचें.
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अगर किसान का अपने खेत पर जाना बहुत जरूरी है, तो मौसम के सामान्य होने का इंतजार करें.
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वज्रपात से बचाव के लिए किसी ऊंचे क्षेत्र में न जाएं क्योंकि बिजली गिरने का सबसे अधिक खतरा वहीं होता है.
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अगर किसी खुले स्थान में हो तो वहां से किसी पक्के मकान में तुरंत चले जाएं और खिड़की एवं दरवाजों से दूर रहें.
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घर में पानी का नल, फ्रिज, टेलीफोन आदि बिजली के उपकरणों से दूर रहें और उन्हें बंद कर दें.
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बिजली के पोल और टेलिविजन या मोबाईल टावर से दूर रहें.
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बिजली की चमक या बादलों के गरजने की आवाज सुनकर किसी पेड़ के नीचे नहीं जाएं.
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एक जगह पर समूह में खड़े न हों, कम से कम 15 फीट दूरी बनाए.
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