चालू हुआ लूट का धंधा : इम्युनिटी काढ़ा व होम्योपैथी ड्रॉप के नाम पर बेच रहे कोरोना की दवा
रांची : राजधानी में कोरोना ठीक करने के नाम पर इम्युनिटी काढ़ा और होम्योपैथी ड्रॉप की दवा खुलेआम बिक रही है. काढ़ा के लिए 200 से 250 रुपये और होम्योपैथी ड्रॉप के लिए 250 से 300 रुपये की वसूली हो रही है. होम्योपैथी ड्रॉप बेचनेवाले डॉक्टरों का दावा है कि कोरोना होने पर यह दवा काम करेगी. वहीं जिसे कोरोना नहीं है, उसमें भी यह कारगर है. ड्रॉप को सुबह और शाम दो-दो बूंद लेना है. इससे इम्युनिटी इतनी बढ़ जायेगी कि कोरोना वायरस दूर भागेगा. हालांकि होम्योपैथी डॉक्टरों के इन दावों का कोई ठोस प्रमाण नहीं है, लेकिन बाजार में ये दवाएं बिक रही हैं.
इसी तरह आयुर्वेदिक काढ़ा देते समय यह दावा किया जाता है कि इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है, क्योंकि इसमें तुलसी, काली मिर्च, मुलैठी और दालचीनी का प्रयोग किया गया है. सुबह-शाम काढ़ा पीने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जायेगी.
इससे कोरोना नहीं होगा. कोरोना के नाम पर जिस होम्योपैथी दवा की बिक्री की जा रही है, उसके डॉक्टर यह दावा करते हैं कि कोरोना एक प्रकार का इंफ्लुएंजा है. इंफ्लुएंजा की दवाओं में कुछ और रसायन मिलाकर इसकी दवा तैयार कर दी गयी है.
बाजार में मुश्किल से मिल रही इम्युनिटी क्वाथ व दवाएं : कोरोना वायरस आने के बाद बाजार में इम्युनिटी बढ़ानेवाले आयुर्वेदिक क्वाथ व दवाओं की डिमांड बढ़ गयी है. गिलोय, अमृता आदि नाम से बिकनेवाली दवाएं और रसायन का स्टॉक कम हो गया है. प्रसिद्ध आयुर्वेदिक कंपनियाें के गिलोय की दवाएं नहीं मिल रही हैं. आयुर्वेदिक दवा दुकानों पर क्वाथ लेने को कहा जा रहा है. ब्रांड के नाम पर बिकनेवाला क्वाथ 230 से 240 रुपये में मिल रहा है.
दुकानदारों का कहना है कि डिमांड बढ़ने से हम लोगों को भी सप्लायर से पूरी दवाएं नहीं मिल रही हैं. सप्लायर द्वारा कहा जाता है कि कंपनी में कोई कर्मचारी पैकिंग करनेवाला नहीं है, जिससे गिलाेय व क्वाथ के पैकेट नहीं आ रहे हैं.