रांची : हिंदपीढ़ी में पुलिस की सख्ती से रविवार की देर रात निजामनगर निवासी मो इम्तियाज की पत्नी प्रसव पीड़ा से कराहती रह गयी थी. लेकिन उसे इलाज के लिए पुलिस जाने नहीं दिया था. घर में ही परिवार की महिलाओं ने प्रसव कराया था. लेकिन उसकी बच्ची की मौत हो गयी थी. इस मामले में डीजीपी एमवी राव ने जांच का आदेश दिया है. इस बीच सोशल मीडिया पर मंगलवार को एक खबर वायरल हुई कि रांची पुलिस की तत्परता और मानवीय संवेदना से लेक रोड (हिंदपीढ़ी) निवासी मो सद्दाम के घर एक नया मेहमान आया.
बच्चे का नाम मो असद रखा गया है. हालांकि यह खबर रांची पुलिस की ओर से जारी नहीं की गयी है. लेकिन बच्चा 11 अप्रैल को पैदा हुआ और इसका 21 अप्रैल को सामने आना प्रतीत होता है कि रांची पुलिस के चेहरे को चमकाने की कोशिश की गयी है. मिनरल वाटर पानी का व्यवसाय करने वाले मो सद्दाम की पत्नी को 11 अप्रैल की तड़के सुबह 3.30 बजे पुलिस ने पीसीआर से ही अस्पताल भिजवाया था. उसी दिन 10:45 बजे मो सद्दाम की पत्नी ने नवजात को जन्म दिया. लॉकडाउन के कारण मो सद्दाम चार दिन हिंदपीढ़ी नहीं आया. 15 अप्रैल को उसकी पत्नी को डिस्चार्ज किया गया, तो उसे लेकर पुलिस की मदद से घर पहुंचा. उसने बताया कि जब एंबुलेंस के लिए सद्दाम का पूरा परिवार भटकने को मजबूर था.
इसी दौरान डीएसपी कोतवाली से सद्दाम ने मदद की गुहार लगायी, सुबह 3:30 बजे पूरे मामले की जानकारी मिलते ही नाजुक स्थिति को देखते हुए तुरंत पीसीआर की मदद से सदर हॉस्पिटल भेजा गया. मो सद्दाम का कहना है कि कोतवाली डीएसपी अजीत कुमार विमल एक रहनुमा बनकर मदद के लिए सामने आये और मेरे घर और परिवार में खुशियां मिली. महिला को रोकनेवाला दारोगा निलंबितहिंदपीढ़ी की महिला को प्रसव के लिए अस्पताल जाने से रोकने और उसे अस्पताल जाने की अनुमति नहीं देने के मामले में प्रशिक्षु दारोगा और पोस्ट प्रभारी दीपक कुमार राय को दोषी पाया गया है. जांच के बाद एसएसपी ने उन्हें निलंबित कर दिया है. जांच के दौरान यह भी पाया कि उनकी इस कार्रवाई की वजह से पुलिस की छवि धूमिल हुई है. निलंबन से संबंधित आदेश भी एसएसपी ने मंगलवार की रात जारी कर दिया.