16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

झारखंड विधानसभा में हेडमास्टर के 3044 एवं स्नातक प्रशिक्षित टीचर के 2759 खाली पदों का उठा मामला

Jharkhand news, Chakradharpur news : झारखंड में शिक्षा व्यवस्था की रफ्तार नहीं पकड़ने की सबसे बड़ी वजह पर्याप्त संख्या में स्कूलों में शिक्षकों का नहीं होना है. पूरे राज्य में हर स्कूल का एक ही रोना है और वह है शिक्षकों की कमी. मंगलवार (22 सितंबर, 2020) को झारखंड विधानसभा में प्रारंभिक स्कूलों (प्राथमिक एवं मध्य) में शिक्षकों की समस्याएं गूंजी. विधायक विरंची नारायण द्वारा स्कूलों में हेडमास्टर की कमी और स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों को नहीं दी गयी प्रोन्नति का सवाल उठाया गया था. जिसके जवाब में राज्य सरकार द्वारा दिये गये आंकड़े हैरत में डालने वाले हैं. पूरे राज्य में हेडमास्टर्स के मात्र 3192 पद ही स्वीकृत है, जिसमें केवल 148 हेडमास्टर ही कार्यरत हैं. 3044 पद आज भी खाली पड़ा हुआ है.

Jharkhand news, Chakradharpur news : चक्रधरपुर (शीन अनवर) : झारखंड में शिक्षा व्यवस्था की रफ्तार नहीं पकड़ने की सबसे बड़ी वजह पर्याप्त संख्या में स्कूलों में शिक्षकों का नहीं होना है. पूरे राज्य में हर स्कूल का एक ही रोना है और वह है शिक्षकों की कमी. मंगलवार (22 सितंबर, 2020) को झारखंड विधानसभा में प्रारंभिक स्कूलों (प्राथमिक एवं मध्य) में शिक्षकों की समस्याएं गूंजी. विधायक विरंची नारायण द्वारा स्कूलों में हेडमास्टर की कमी और स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों को नहीं दी गयी प्रोन्नति का सवाल उठाया गया था. जिसके जवाब में राज्य सरकार द्वारा दिये गये आंकड़े हैरत में डालने वाले हैं. पूरे राज्य में हेडमास्टर्स के मात्र 3192 पद ही स्वीकृत है, जिसमें केवल 148 हेडमास्टर ही कार्यरत हैं. 3044 पद आज भी खाली पड़ा हुआ है.

मालूम रहे कि बड़ी संख्या में पूरे राज्य में नये मध्य विद्यालय भी बनाये गये हैं, जिनमें हेडमास्टर्स का पद स्वीकृत ही नहीं है. प्रभारी शिक्षकों से ही स्कूल का काम संचालित कराया जा रहा है. इसी तरह कला, विज्ञान एवं भाषा में स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों को प्रोन्नति नहीं दी गयी है. पूरे राज्य में 10,623 स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों के पद के विरुद्ध 7864 शिक्षक ही कार्यरत हैं. 2759 पद अब भी रिक्त है. राज्य में पश्चिमी सिंहभूम जिला समेत अनेकों ऐसे जिले हैं, जहां बरसों से हेडमास्टर का पद शत- प्रतिशत रिक्त पड़ा हुआ है, लेकिन प्रोन्नति नहीं दी जा रही है.

उत्क्रमित मवि एवं प्राथमिक विद्यालय में नहीं है हेडमास्टर का पद स्वीकृत

राज्य में केवल 3192 मध्य विद्यालयों(Middle schools) में ही हेडमास्टर का पद स्वीकृत है. अब भी अनगिनत मध्य विद्यालय, उत्क्रमित मध्य विद्यालय एवं प्राथमिक विद्यालयों में हेडमास्टर्स का पद स्वीकृत नहीं है. इन स्कूलों का संचालन प्रभारी हेडमास्टर्स के माध्यम से किया जाता है, जिन्हें कुछ भी अतिरिक्त राशि नहीं दी जाती है.

Also Read: Good News : हेल्थ एंबेसडर बनेंगे झारखंड के सरकारी स्कूलों के बच्चे, शिक्षकों को बनाया जा रहा मास्टर ट्रेनर
48 पर एक शिक्षक होना भी पिछड़ने का है कारण

राज्य में हर जिले में शिक्षक- छात्र अनुपात पर शिक्षकों की युक्तिकरण की गयी थी. पूरे जिले में जितने नामांकित बच्चे थे, उनसे कार्यरत शिक्षकों को भाग देकर प्रति शिक्षक पर बच्चों की संख्या निर्धारित की गयी थी. हर जिले में शिक्षक- छात्र अनुपात अलग- अलग निकला था. पश्चिमी सिंहभूम में 48 बच्चों पर एक शिक्षक का अनुपात निकला. इसी आधार पर स्कूल में जितने नामांकित बच्चे थे, उतने शिक्षक दिये गये. जिसका परिणाम यह हुआ कि हर स्कूल में शिक्षकों की कमी हो गयी. प्राथमिक स्कूलों में अधिकतर स्कूल एक शिक्षकीय हो गया है, क्योंकि हर स्कूल में 48 से अधिक बच्चे नामांकित नहीं थे. फलस्वरूप एक शिक्षक से स्कूल का संचालन मुश्किल हो रहा है और बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है.

वर्ष 2015 से वरीयता सूची निर्धारित नहीं हो सकी है

हेडमास्टर एवं स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक पद पर प्रोन्नति देने के लिए शिक्षकों के वरीयता का निर्धारण होना जरूरी है. वरीयता सूची तैयार नहीं होने के कारण प्रोन्नति नहीं दी जा रही है. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के संकल्प संख्या 3027, दिनांक 14 दिसंबर, 2015 में शिक्षकों की वरीयता निर्धारित करने का आदेश निर्गत किया गया था. लेकिन, विभाग द्वारा वरीयता का निर्धारण नहीं किया जा सका है. इसके बाद विभागीय संकल्प संख्या 1145, दिनांक 18 जुलाई, 2019 को दोबारा वरीयता निर्धारण का आदेश निर्गत हुआ. लेकिन, अब तक शिक्षकों को प्रोन्नति देने की फाइनल सूची अधिकतर जिलों में नहीं बन सकी है.

Posted By : Samir Ranjan.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें