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Ranchi news : कांके में जनता ने पार्टी विशेष पर जताया भरोसा

कांके सीट पर कठिन संघर्ष की उम्मीद, उम्मीदवार बदलते रहे हैं दल. मतदाताओं को रिझाने में लगा है हर प्रत्याशी.

By Prabhat Khabar News Desk | November 10, 2024 11:16 PM
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संजीव सिंह, रांची.

कांके विधानसभा क्षेत्र में इस बार के चुनाव में कड़ा संघर्ष है. सभी पार्टी सहित निर्दलीय प्रत्याशी अपने-अपने स्तर से मतदाता को रिझाने में लगे हुए हैं. लेकिन, इस विधानसभा चुनाव के इतिहास में जायें, तो पायेंगे कि 1990 के बाद से पार्टी को भले ही उम्मीदवार पर भरोसा नहीं रहा, लेकिन जनता ने पार्टी पर विश्वास जताया है. क्षेत्र बड़ा होने के कारण जनता से भले ही प्रत्याशी आमने-सामने नहीं मिले हों, लेकिन क्षेत्र की जनता चुनाव में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेती रही है.

भाजपा के रामचंद्र बैठा को चार बार मिली जीत

इस क्षेत्र में समरी लाल ऐसे उम्मीदवार हैं, जो पार्टी बदल-बदल कर पांच बार चुनाव लड़े. अंतत: 2019 में भाजपा से टिकट मिलने पर जीत हासिल कर विधायक बनने में सफल रहे. इसी प्रकार भाजपा के ही रामचंद्र बैठा ऐसे उम्मीदवार हैं, जो चार बार चुनाव लड़े और चारों बार जीत हासिल की है. वर्ष 1967 में पहली बार झारखंड क्रांतिकारी दल से जयंत चौबे ने जीत हासिल की. वहीं 1968 और 1972 के चुनाव में भारतीय जनसंघ से रामटहल चौधरी ने जीत हासिल की. 1977 में जनता पार्टी से हीराराम तूफानी, 1980 में कांग्रेस से राम रतन राम और 1985 में कांग्रेस से हरि राम ने जीत हासिल की. लेकिन, 1990 से जब कांके विधानसभा क्षेत्र एससी के लिए सुरक्षित हुआ, तो यहां का सीन ही बदल गया. पार्टी ने जीत हासिल करनेवाले उम्मीदवार पर अगले चुनाव में भरोसा नहीं जताया. 1990 में भाजपा से रामचंद्र बैठा ने जनता दल से खड़े समरीलाल को हरा दिया. पुन: 1995 में भी रामचंद्र बैठा ने समरी लाल को 12004 वोट से हराया. दो बार चुनाव जीतने के बाद भी भारतीय जनता पार्टी ने वर्ष 2000 के चुनाव में उम्मीदवार बदल दिया. इस बार रामचंद्र नायक को टिकट देकर मैदान में उतारा. जनता ने रामचंद्र नायक को जीत दिलायी. उन्होंने इस बार राजद से खड़े समरी लाल को 17391 वोट से पराजित कर दिया. रामचंद्र नायक के जीतने के बाद फिर भाजपा ने वर्ष 2005 के चुनाव में प्रत्याशी बदल दिया. इस बार रामचंद्र बैठा को टिकट दे दिया. श्री बैठा ने जेएमएम से खड़े समरीलाल को 15059 वोट से पराजित कर दिया. यानी इस चुनाव में भी जनता को प्रत्याशी बदलने से कोई फर्क नहीं पड़ा. वर्ष 2009 के चुनाव में भाजपा ने रामचंद्र बैठा को फिर टिकट दिया और उन्होंने इस बार कांग्रेस के सुरेश बैठा को 4571 वोट से हरा दिया. वर्ष 2014 का चुनाव देखें, तो इस बार भाजपा ने फिर उम्मीदवार बदल दिया और इस बार जीतू चरण राम को टिकट दिया. श्री राम ने कांग्रेस के सुरेश बैठा को 59804 वोट से हरा दिया.

2019 में समरी लाल को मिली जीत

वर्ष 2019 में भाजपा ने फिर अपना उम्मीदवार बदल दिया. इस बार पार्टी बदल कर आये समरीलाल को टिकट दिया. समरीलाल ने कांग्रेस के सुरेश बैठा को 22540 वोट से हरा दिया. विजयी उम्मीदवार को बदलने का सिलसिला यहीं समाप्त नहीं हुआ. इस वर्ष यानी 2024 के चुनाव में भाजपा ने फिर उम्मीदवार बदल कर जीतू चरण राम को टिकट दिया है. वहीं कांग्रेस ने इस बार फिर सुरेश बैठा पर भरोसा जता कर उन्हें टिकट दिया है.

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