मैक्लुस्कीगंज. मायापुर में रैयत विस्थापित मोर्चा की बैठक शिवनारायण लोहरा की अध्यक्षता में हुई. संचालन कृष्णा भोगता ने किया. बैठक में मुख्य रूप से मैक्लुस्कीगंज टू राजधर साइडिंग पिपरवार रेलवे लाइन निर्माण (फेज-1) के लिए सीसीएल पिपरवार प्रबंधन द्वारा अधिग्रहित भूमि के बदले नौकरी व उचित मुआवजा में हो रही देरी सहित अन्य मांगों को लेकर विचार विमर्श किया गया. प्रबंधन के उदासीन रवैया से रैयत क्षुब्ध हैं और आक्रोश व्यक्त किया है. रैयतों व रैविमो की आपसी सहमति से एक आंदोलन के तहत 20 दिसंबर को रेलवे लाइन (फेज-1) पर कोयला ढुलाई सहित अन्य कार्य को अनिश्चितकालीन के लिए बाधित करने की समीक्षा कर रूपरेखा तैयार की गयी. बैठक में विनय टोप्पो, सुकर गंझू, अमृत भोक्ता, शम्भू मुंडा, बिनोद मुंडा, ताहिर अंसारी, हेमलाल गंझू, रूपन गंझू, फुलमनी देवी, रितु देवी, गायत्री देवी, गुड़िया देवी सहित अन्य मौजूद थे. बैठक में बताया गया कि लगभग 30 वर्ष पहले नावाडीह, हेसालौंग, गंझूटोला, मायापुर, महुलिया आदि जगहों से रैयतों की भूमि को पिपरवार प्रबंधन द्वारा रेलवे लाइन निर्माण के लिए अधिग्रहित किया गया था. इसमें कुछ लोगों को नौकरी तो मिली वहीं कई रैयत आज भी नौकरी व उचित मुआवजा से वंचित हैं. बताया गया कि रैयतों, सीसीएल पिपरवार प्रबंधन, अंचल प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के साथ हुई कई बैठकों व वार्ता के पश्चात मिलने वाले झूठे आश्वासन से क्षुब्ध हैं. बैठक में समय सीमा के भीतर प्रबंधन द्वारा इस किसी तरह की पहल नहीं की गयी तो रैयतों के हक के लिए मोर्चा आंदोलन करने पर बाध्य होगी.
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