केंद्र व राज्य सरकार स्थिति स्पष्ट करे, नहीं तो कोर्ट की शरण में जाना पड़ेगा : सरयू राय

रांची : कोटा में फंसे बच्चों के मामले में पूर्व मंत्री सरयू राय ने कहा कि यह भारत के संविधान और उसके उल्लंघन का मामला है. केंद्र व राज्य सरकार अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं कर रही है, तो क्या इसके लिए न्यायालय की शरण में जाना पड़ेगा. उन्होंने कहा की कोटा में अन्य राज्यों से […]

By Prabhat Khabar News Desk | April 26, 2020 1:37 AM

रांची : कोटा में फंसे बच्चों के मामले में पूर्व मंत्री सरयू राय ने कहा कि यह भारत के संविधान और उसके उल्लंघन का मामला है. केंद्र व राज्य सरकार अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं कर रही है, तो क्या इसके लिए न्यायालय की शरण में जाना पड़ेगा. उन्होंने कहा की कोटा में अन्य राज्यों से पढ़ने गये बच्चों को लाने के लिए बसें भेजने की अनुमति देने पर झारखंड सरकार सहमत नहीं हो पा रही है. मैंने जमशेदपुर के बच्चे बच्चियों को लाने के लिए बस व छोटी गाड़ियों की व्यवस्था करने की तैयारी कर ली है. परंतु राज्य सरकार अनुमति देने के लिए राजी नहीं हो पा रही है. वहीं दूसरी तरफ कोटा से भाड़े की गाड़ी कर बच्चे को झारखंड लाने के लिए वहां की प्रशासन पास जारी कर रही है.

जमशेदपुर के तीन बच्चे अभी-अभी कोटा से जमशेदपुर पहुंचे हैं. उनसे जानकारी लेकर अन्य अभिभावक भी अपने बच्चों को वहां से लाने की योजना बना सकते हैं. इसमें मेरा सहयोग रहेगा. श्री राय ने कहा कि एक देश में दो विधान कैसे चल सकता है. एक सरकार दूसरे राज्य में जाने के लिए पास जारी कर रही है. वहीं दूसरी सरकार केंद्र सरकार के उसी नियम का हवाला देकर दूसरे राज्य तो क्या दूसरे जिले में भेजने के लिए पास निर्गत नहीं कर रही है. केंद्र सरकार के एक ही नियम की व्याख्या दो राज्य अलग- अलग तरीके से कैसे कर सकते हैं? प्रधानमंत्री को स्पष्ट करना चाहिए कि इन दोनों राज्यों में कौन सही है और कौन सी सरकार लॉकडाउन का उल्लंघन कर रही है. उन्होंने सवाल किया है कि क्या यह संवैधानिक संकट नहीं है. उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ की सरकार को कोटा जाकर बच्चों को लाने की अनुमति किसने दी. आखिर झारखंड बिहार को यह अनुमति क्यों नहीं मिल पा रही है?

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