रांची : स्वयं सेवी संस्था पाराडाइज की ओर से आज रविवार को रांची जिले के नामकुम के लालखटंगा स्थित नया भुसूर में संचालित गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर सोशल एंड ह्यूमन अवेयरनेस (आशा) में रहकर पढ़ाई कर रहे बच्चों के लिए कंप्यूटर लैब स्थापित किया गया. कोरोना काल में स्कूल बंद होने के कारण बच्चों को पढ़ाई में काफी परेशानी हो रही थी. इसे देखते हुए कंप्यूटर लैब की व्यवस्था करायी गयी.
कोरोना काल में जब स्कूल भी बंद हो गये, तब ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर इन्हें काफी परेशानी हो रही थी. इसे देखते हुए संस्था पाराडाइज ने आशा के अजय जायसवाल से संपर्क किया और बच्चों के भविष्य को देखते हुए इनकी पढ़ाई के लिए लैब स्थापित करने का निर्णय लिया. इसके लिए आठ कंप्यूटर, इंवर्टर, बैट्री और प्रिंटर उपलब्ध कराये गये हैं. इसकी कुल परियोजना लागत 1.60 लाख रुपये है.
आशा संस्था में 60 बच्चे रहते हैं. ये पहले बंगाल (हुगली नदी के किनारे) के ईंट भट्ठे में बाल मजदूरी करते थे. यहां के 35 भट्ठों में 300 से अधिक बच्चे रहते थे और अपने माता-पिता के साथ ईंट बनाने में हाथ बंटाते थे. कोयला ढोना, ईंट पलटना, भट्ठे के अंदर ईंट पहुंचाने के अलावा बड़े बच्चे छोटे बच्चों को संभालने का काम करते थे. दुखद बात तो ये थी कि इसके बावजूद इन्हें पैसे मिलते थे. अधिकतर बच्चे कुपोषित थे. सबसे दुखद तो ये कि बच्चे पढ़ाई से वंचित थे.
अक्टूबर 2011 में इन बच्चों को आशा संस्था में लाया गया और इनका नाम सरकारी स्कूल में लिखवाया गया. जो बच्चा 5 वर्ष का था और उसका नाम पहली कक्षा में लिखवाया गया था, आज वह मैट्रिक पास कर इंटरमीडिएट की पढ़ाई कर रहा है. संस्था आशा गांवों से आए गरीब जरूरतमंद बच्चों के लिए काम करती है. मानव तस्करी की शिकार बच्चियों एवं अन्य पीड़ितों के जीवन में नयी आशा जगाती है संस्था. इस संस्था के संस्थापक अजय जायसवाल हैं. इनसे मोबाइल नंबर 9430353934 एवं 7979090915 पर संपर्क किया जा सकता है.
Posted By: Guru Swarup Mishra