रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने एक पुलिस कांस्टेबल की बर्खास्तगी के आदेश को बरकरार रखा है, जो विवाहित होने के बावजूद किसी अन्य महिला के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहा था. जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत ने अपने आदेश में कहा कि किसी पुलिसकर्मी का अपनी पत्नी के अलावा किसी अन्य महिला के साथ लिव-इन-रिलेशनशिप में रहना अनुचित है. यह उन नियमों का उल्लंघन है, जिसके तहत याचिकाकर्ता की सेवा शर्तें नियंत्रित होती हैं. चुरचू थाना में पदस्थापित एक कर्मी पर उसकी लीव इन पार्टनर ने अवैध शारीरिक शोषण का आरोप लगाया था. इसके बाद वर्ष 2018 में उस पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया गया था. विभागीय कार्रवाई के बाद पुलिसकर्मी की सेवा भी बर्खास्त कर दी गयी. पुलिसकर्मी ने इस आदेश के खिलाफ हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी. अपनी बर्खास्तगी को चुनौती देते हुए प्रार्थी के वकील ने तर्क दिया कि कांस्टेबल को केवल द्विविवाह के लिए बर्खास्त किया जा सकता है, लिव-इन रिलेशनशिप में नहीं. झारखंड सेवा संहिता का प्रावधान केवल दूसरी शादी करने से संबंधित है. इसलिए बर्खास्तगी के आदेश को रद्द किया जाना चाहिए. वहीं राज्य सरकार के अधिवक्ता ने कहा कि कांस्टेबल ने शादीशुदा होने के बावजूद किसी अन्य महिला के साथ अवैध संबंध रखा था, जो झारखंड सेवा संहिता और झारखंड पुलिस मैनुअल का उल्लंघन है.
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