झारखंड के किसानों की आय में आयी 30.7 फीसदी की गिरावट, संसदीय समिति की रिपोर्ट से खुलासा
झारखंड इकलौता राज्य नहीं है, जहां किसानों की कमाई घटी है. मध्यप्रदेश, नगालैंड और ओड़िशा में भी किसानों की आय में कमी दर्ज की गयी है. इन चार राज्यों में झारखंड अव्वल नंबर पर है. यानी झारखंड के किसानों की आय में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गयी है.
किसानों की आय डबल करने की कोशिशों के बीच झारखंड में कृषकों की आय (Farmers Income in Jharkhand) में बड़ी गिरावट दर्ज की गयी है. संसदीय समिति की रिपोर्ट से पता चला है कि किसानों की कमाई 30.74 फीसदी तक गिर गयी है. संसदीय समिति की 46वीं रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2025-16 से वर्ष 2018-19 के दौरान झारखंड के किसानों की आय में कमी आयी है.
इन राज्यों में भी घटी किसानों की कमाई
झारखंड इकलौता राज्य नहीं है, जहां किसानों की कमाई घटी है. मध्यप्रदेश, नगालैंड और ओड़िशा में भी किसानों की आय में कमी दर्ज की गयी है. इन चार राज्यों में झारखंड अव्वल नंबर पर है. यानी झारखंड के किसानों की आय में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गयी है.
झारखंड के किसानों की कमाई 2,173 रुपये घटी
रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2015-16 से वर्ष 2018-19 के चार साल के कालखंड में किसानों की आय में 2,173 रुपये की बड़ी गिरावट दर्ज की गयी. वर्ष 2015-16 में झारखंड के किसानों की आय 7,068 रुपये थी, जो वर्ष 2018-19 में घटकर 4,895 रुपये रह गयी.
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मध्यप्रदेश के किसानों का आय इतनी घटी
मध्यप्रदेश में किसानों की आय 9,740 रुपये से घटकर 8,339 रुपये रह गयी. नगालैंड में यह रकम 11,428 रुपये से घटकर 9,877 रह गयी. ओड़िशा के किसानों की आय जो 5,274 रुपये थी, चार साल बाद वह घटकर 5,112 रुपये रह गयी. यह स्थिति तब है, जबकि देश भर में किसानों की आय 8,059 रुपये से बढ़कर 10,218 रुपये हो गयी.
सवालों के घेरे में राज्य सरकारों की मंशा
किसानों की आय बढ़ाने की कोशिशों पर संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में राज्य सरकारों की मंशा पर एक तरह से सवाल उठाया है. समिति ने कहा है कि सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किये हैं. कई विकास परियोजनाओं और योजनाओं की शुरुआत की है, ताकि कृषकों की आय बढ़ायी जा सके.
किसानों का आय डबल करने पर राज्यों ने दिये ये जवाब
राज्य सरकारों से जब पूछा गया कि उन्होंने किसानों की आय डबल करने के लिए क्या-क्या किये, तो झारखंड, मध्यप्रदेश, नगालैंड और ओड़िशा ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया. इन राज्यों ने सिर्फ इतना ही कहा कि कमेटी की ओर से जो सिफारिशें की गयीं हैं, उन पर अमल किया जायेगा.