रांची : झारखंड में राज्यसभा का चुनाव संपन्न हो चुका है. निर्दलीय विधायक और रघुवर दास सरकार में खाद्य आपूर्ति एवं संसदीय कार्य मंत्री रहे सरयू रॉय ने शुक्रवार (19 जून, 2020) को अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के बाद स्पष्ट कर दिया कि उन्होंने दो वोट डाले. एक वोट भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार दीपक प्रकाश को दिया, तो दूसरा वोट झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) सुप्रीमो शिबू सोरेन को. इस तरह श्री रॉय ने भाजपा और झामुमो दोनों की बात रख ली.
सरयू रॉय से भाजपा और झामुमो दोनों ने अपने पक्ष में मतदान करने की अपील की थी. सो उन्होंने दोनों को अपना वोट दे दिया. श्री रॉय ने ट्वीट करके बताया, ‘आज संपन्न राज्यसभा चुनाव में मैंने वरीयता क्रम में दो वोट दिया. एक वोट दीपक प्रकाश को और दूसरा वोट शिबू सोरेन उर्फ गुरुजी को. दीपक जी प्रिय हैं, गुरुजी आदरणीय. दोनों को जीत की अग्रिम शुभकामना.’ हेमंत सोरेन और बाबूलाल मरांडी को टैग करते हुए उन्होंने दोनों को अग्रिम बधाई भी दी है.
वर्ष 2019 में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार रघुवर दास के खिलाफ जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले सरयू रॉय को दोनों ही पक्ष के उम्मीदवार मनाने में जुटे थे. संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) ने भी उनसे संपर्क किया था कि वह उनके पक्ष में मतदान करें. वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने भी श्री रॉय से अपील की थी कि वह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के पक्ष में अपना मत दें.
झारखंड के पूर्व मंत्री और निर्दलीय विधायक ने दोनों को आश्वासन दिया था कि वह उनके पक्ष में अपना मत देंगे. और इस वादे को उन्होंने निभाया. उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव में रघुवर दास को हराकर वह विधानसभा पहुंचे थे. रघुवर के खिलाफ चुनाव लड़ने के बाद उन्होंने पार्टी नहीं छोड़ी थी. बाद में श्री रॉय को भाजपा ने पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था. इसलिए कांग्रेस और झामुमो को उम्मीद थी कि सरयू रॉय उनके उम्मीदवार का समर्थन कर सकते हैं.
हालांकि, श्री रॉय ने इस बात के पहले ही संकेत दे दिये थे कि वह दीपक प्रकाश को अपना समर्थन देंगे. सबसे अंत में मतदान करने के बाद श्री रॉय ने सार्वजनिक रूप से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर साफ-साफ बता दिया कि उन्होंने अपने मत देने के अधिकार का इस्तेमाल किया. राज्यसभा चुनाव में एक वोटर को दो मत डालने का अधिकार होता है. प्रथम वरीयता का वोट और द्वितीय वरीयता का वोट.
प्रथम वरीयता के वोट से जीत और हार का फैसला नहीं हो पाता, तब द्वितीय वरीयता के मत का महत्व बढ़ जाता है. झारखंड के दोनों उम्मीदवार शिबू सोरेन और दीपक प्रकाश अच्छे-खासे अंतर से जीत गये हैं. इसलिए यहां द्वितीय वरीयता के मतों की गिनती की नौबत ही नहीं आयीं. उल्लेखनीय है कि झारखंड की राज्यसभा की दो सीटों के लिए मैदान में तीन उम्मीदवार मैदान में थे और सभी अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे थे. चुनाव में शिबू सोरेन और दीपक प्रकाश जीत चुके हैं, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार को मात्र 18 वोट ही मिल पाये.
Posted By : Mithilesh Jha