रांची. इंडिया गठबंधन के नेताओं ने जामताड़ा में चुनावी सभा के दौरान भाजपा नेता सह असम के सीएम हिमंता विश्वा सरमा पर भाषण के दौरान विभाजनकारी भाषण देने का आरोप लगाया है. झामुमो, कांग्रेस, माले और राजद नेताओं ने इसकी शिकायत मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से की है. कहा है कि चुनावी सभा के दौरान श्री सरमा ने एक विशेष समुदाय को लेकर कई बयान दिये. यह चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन है. यह दो समुदाय को बांटने की साजिश है. श्री सरमा पर कार्रवाई होनी चाहिए.
आलोचना करते-करते व्यक्तिगत हमला कर रहे हैं
झामुमो प्रवक्ता सुप्रीयो भट्टाचार्या ने पत्रकारों को बताया कि श्री सरमा लगातार जिन शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं, वह सांप्रदायिक बातें हैं. राज्य सरकार की आलोचना करते-करते व्यक्तिगत हमला कर रहे हैं. यह अत्यंत चिंताजनक है. यह हम लोगों को पता था. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा है कि कल 11 बजे तक इसकी जांच कराया जायेगी. कार्रवाई भी की जायेगी. पार्टी चाहती है कि उन पर आपराधिक मुकदमे हों. तत्काल प्रभाव से उनका झारखंड में भ्रमण और प्रवास रोका जाये. 2011 में इस देश की अंतिम जनगणना हुई. यह कौन सा सर्वे है, जहां कहा जा रहा है कि झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठिये हैं.
भाजपा के पास मुद्दे नहीं हैं
सुप्रियो ने कहा कि असल में भाजपा के पास मुद्दे नहीं हैं. पार्टी की अकूत कमाई पकड़ी जा रही है. झारखंड को आग में झोंकने का काम हो रहा है. अभी समय सांप्रदायिक सौहार्द के साथ त्योहार मनाने का है. चुनाव भी लोकतंत्र का पर्व है. इसमें सभी धर्मों के लोग शामिल हैं. छठ में दलित के घर से बना हुआ सूप और दौरे का प्रयोग होगा. राइन समाज के लोग फल बेचते हैं. घाटों की सफाई होती है. ऐसे में इस तरह की बात करना गलत है. एक साथ खुशी मनाने की बात है. भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी ऐसे लोगों को प्रतिबंधित करें.
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