रांची. भाकपा-माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने झारखंड सरकार के मंत्रिमंडल में माले के भी शामिल होने की अटकलों पर फिलहाल पूर्ण विराम लगा दिया है. भाकपा माले की स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में पार्टी के प्रदर्शन की समीक्षा के बाद वह शनिवार को मीडिया के सामने पेश हुए. पार्टी कार्यालय महेंद्र सिंह भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने माले के मंत्रिमंडल में शामिल होने के सवाल पर कहा कि वह को-ऑर्डिनेशन कमेटी के माध्यम से सरकार चलाने में मदद करना ज्यादा पंसद करेंगे. उन्होंने विधानसभा में पार्टी के संख्या बल के आधार पर कहा कि हम व्यापक रूप से पार्टी की जिम्मेदारियों को समझते हैं.
माले की ओर से कोई दबाव नहीं
दीपांकर ने कहा कि इंडिया गठबंधन ने झारखंड के साथ जो वादे किये हैं, हमें उम्मीद है कि उन्हें पूरा किया जायेगा. हमारे विधायक झारखंड के संघर्ष और लोगों की आवाज को विधानसभा में उठाते रहेंगे. जिस दिन हमारी ताकत विधानसभा में बड़ी होगी, उस दिन हम खुद से जिम्मेदारियां लेने के लिए आगे जाकर पहल करेंगे. उन्होंने कहा कि हमारे साथ दो विधायक हैं. इस संख्या बल के हिसाब से सरकार पर दबाव बनायें, यह उचित प्रतीत नहीं होता है. इंडिया गठबंधन में कई दल हैं और माले की ओर से सरकार पर कोई दबाव नहीं है.
अगली बार जनता के विश्वास पर खरा उतरेंगे
माले की परंपरागत सीट हार जाने के सवाल पर दीपांकर ने कहा कि अफसोस रहा कि धनवार में झामुमो ने भी अपना कैंडिडेट खड़ा कर दिया और बगोदर में 1990 से हम जीतते रहे हैं. 2014 को अगर छोड़ दिया जाये, तो यहां हमें कभी हार नहीं मिली. अगर ऐसा नहीं होता, तो हमारा चुनावी जीत का स्ट्राईक रेट बेहतर रहता. हमने हार के कारणों की समीक्षा की है, अगली बार हम जनता के विश्वास पर खरा उतरेंगे.
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