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भारत ही विश्व को देता है शांति और मुक्ति, रांची में श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह में बोले रामदेव

अमेरिका, रूस, इंग्लैंड समेत दुनिया भर से लोग भारत आ रहे हैं. काशी, ऋषिकेश, वृंदावन में धूल-धूसरित हो रहे हैं. उन्हें मालूम हो चुका है कि भारत ही शांति की भूमि है. भारत की भूमि सच्चिदानंद की भूमि है.

By Mithilesh Jha | October 15, 2022 8:16 PM

भारत ही विश्व को शांति और मुक्ति दोनों देता है. भगवान की भक्ति से दैहिक, दैविक और भौतिक ताप एवं संताप समाप्त हो जाते हैं. श्रीमद्भागवत और भगवान की कथा से सतचित और आनंद की प्राप्ति होती है. कथा के श्रवण से हर तरह के कष्ट मिट जाते हैं. कथा से मन में भक्ति की भावना जागृत होती है. भक्ति से भगवान की कृपा की प्राप्ति होती है. इससे रोग और शोक दोनों की समाप्ति हो जाती है. ये बातें पंडित रामदेव पांडेय ने रांची के बरियातू में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह के पहले दिन शनिवार (15 अक्टूबर) को कहीं.

भक्ति से जीवन में आती है शांति

पंडित रामदेव ने कहा कि भगवान की भक्ति करने से जीवन शांति एवं आनंद से भर जाता है. यही वजह है कि अमेरिका, रूस, इंग्लैंड समेत दुनिया भर से लोग भारत आ रहे हैं. काशी, ऋषिकेश, वृंदावन में धूल-धूसरित हो रहे हैं. उन्हें मालूम हो चुका है कि भारत ही शांति की भूमि है. भारत की भूमि सच्चिदानंद की भूमि है. उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत का पहला शब्द ही सच्चिदानंद है. मानस में भी तुलसीदास ने सच्चिदानंद की चर्चा की है.

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21 अक्टूबर तक चलेगी भागवत कथा

उन्होंने कहा कि इसी सच्चिदानन्द को आत्मसात करना भागवत और मानस है. बरियातू स्थित यूनिवर्सिटी कॉलोनी के शनि मंदिर के प्रांगण में महिला भक्ति परिषद की ओर से आयोजित भागवत कथा के व्यास पंडित रामदेव पांडेय हैं. 15 अक्टूबर से शुरू हुई भागवत कथा 21 अक्टूबर 2022 तक चलेगी. हर दिन दोपहर तीन बजे से छह बजे तक व्यास जी कथा का वाचन करेंगे. कथा में पंडित रमेश दुबे, पंडित मनोज पांडेय, पंडित अभिषेक पांडेय समेत सैकड़ों लोगों ने भागवत कथा का श्रवण किया. भागवत कथा के समापन के बाद 21 अक्टूबर 2022 को ही दोपहर में भंडारा का भी आयोजन किया गया है.

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