ISRO News : भारत का होगा अपना स्पेस स्टेशन : डॉ साेमनाथ

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) चंद्रयान तीन के बाद चार को लांच करने की तैयारी कर रहा है. इसरो प्रमुख डॉ एस सोमनाथ ने प्रभात खबर के साथ यह जानकारी साझा की. वह रविवार को रांची के बीआइटी मेसरा में आयोजित सिंपोजियम में शामिल होने पहुंचे थे.

By Prabhat Khabar News Desk | August 12, 2024 1:08 AM

दिवाकर सिंह (रांची). भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) चंद्रयान तीन के बाद चार को लांच करने की तैयारी कर रहा है. इसरो प्रमुख डॉ एस सोमनाथ ने प्रभात खबर के साथ यह जानकारी साझा की. वह रविवार को रांची के बीआइटी मेसरा में आयोजित सिंपोजियम में शामिल होने पहुंचे थे. उन्होंने प्रभात खबर से इसरो के आगामी प्रोजेक्ट की भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि चंद्रयान सीरीज की अगली कड़ी के तहत चंद्रयान-4 को डेवलप किया जा रहा है. इसे 2028 में लांच करने की योजना है. सोमनाथ ने कहा कि स्पेस रिसर्च एक अनवरत प्रक्रिया है. भारत इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. वर्ष 2040 में मानव को चंद्रमा पर भेजना है और उसे वापस भी लाना है. इसकी तैयारी को लेकर हम स्पेस स्टेशन बना रहे हैं. इसका निर्माण 2028 में शुरू होगा, जो 2035 में पूरा हो जायेगा. इसके बाद स्पेस सेंटर में एस्ट्रोनॉट जायेंगे और साइंटिफिक एक्सपेरिमेंट करेंगे.

मिसाइल टेक्नोलॉजी और ड्रोन तकनीक पर हो रहा काम

डॉ एस सोमनाथ ने कहा कि एयरो स्पेस सेक्टर में कई तरह के बदलाव हो रहे हैं. हम मिसाइल टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं. इसके अलावा ड्रोन तकनीक के क्षेत्र में भी कई काम कर रहे हैं. कई तरह के ड्रोन भी तैयार किये जा रहे हैं. इनमें कई ड्रोन ऐसे हैं, जो दुरूह क्षेत्र में भी पहुंच सकेंगे जहां हमारा पहुंचना मुश्किल है. इसके तहत ऐसी तकनीक को डेवलप किया जा रहा है, जो सेना के काम आ सके.

रिनोवेशन की होती है जरूरत

डॉ एस सोमनाथ ने कहा कि हम जो स्पेस सेक्टर में काम करते हैं वो हाई टेक्नोलॉजी क्षेत्र है और इस सेक्टर में काफी रिस्क है. वहीं इसमें जॉब मिलना आसान नहीं होता है. भारत में कई ऐसे टेक्नोलॉजी सेंटर है जिसमें काम करने के काफी अवसर हैं. विकास करने के लिए रिनोवेशन की जरूरत होती है. वहीं एयरो स्पेस सेक्टर में भी स्टार्टअप की जरूरत है. दो साल में एयरो स्पेस सेक्टर में 200 स्टार्टअप की शुरुआत हो चुकी है. इसमें तीन रॉकेट इंड्रस्टी की शुरुआत हुई है, पांच स्पेस क्राफ्ट डिजाइन कंपनी की शुरुआत हुई है.

रॉकेट साइंस का डिपार्टमेंट पहले रांची में ही हुआ था शुरू

डॉ एस सोमनाथ ने कहा कि रांची के लोगों के साथ हमने काम किया है. सबसे पहले रॉकेट स्पेस डिपार्टमेंट और राकेट साइंस की पढ़ाई बीआइटी मेसरा में ही शुरू हुई थी. उन्होंने कहा कि यहां से पढ़ाई करने वाले कई लोग पहले इसरो में काम करते थे, जिन्होंने हमारे पहले रॉकेट के निर्माण में योगदान दिया. हमारा यहां से एक विशेष लगाव है.

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