यात्रियों के लिए रांची से पटना की दूरी 70 किमी होगी कम, सिधवार-सांकी रेल लाइन को मिली हरी झंडी
ट्रेन को बरकाकाना से रांची वाया मुरी जाने पर 126 किमी की दूरी तय करनी पड़ती थी. अब इस ट्रेन को बरकाकाना से रांची वाया सांकी, बीआइटी मेसरा, टाटीसिल्वे होते हुए लगभग 63 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ेगी
Jharkhand News बरकाकाना: कोडरमा-हजारीबाग-रांची वाया बरकाकाना रेल परियोजना सिधवार-सांकी रेल लाइन का काम बुधवार को कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी से मिली हरी झंडी के साथ पूरा हो गया. इस नयी रेल लाइन पर 80-90 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रेन चलाने का निर्देश मिल गया है. परियोजना को वर्ष 1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान स्वीकृति मिली थी. पहाड़ों व जंगलों को काट कर परियोजना को पूरा करने में 14 साल लगे. इस रेल परियोजना की कुल दूरी कोडरमा-हजारीबाग-रांची वाया बरकाकाना 202 किलोमीटर है.
परियोजना की लागत 3800 करोड़ है. ट्रेन को बरकाकाना से रांची वाया मुरी जाने पर 126 किमी की दूरी तय करनी पड़ती थी. अब इस ट्रेन को बरकाकाना से रांची वाया सांकी, बीआइटी मेसरा, टाटीसिल्वे होते हुए लगभग 63 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ेगी. इस नयी लाइन के बनने से रांची से पटना जाने में भी लगभग 70 किलोमीटर की दूरी कम हो जायेगी. हजारीबाग, कोडरमा, चतरा, पलामू, गढ़वा, लातेहार जिले से रांची की दूरी कम हो जायेगी. रेलवे सूत्रों की माने, तो रेल मंत्री के आने की तैयारी भी शुरू कर दी गयी है.
नवनिर्मित रेल लाइन ग्रामीण क्षेत्रों के लिए होगा वरदान :
ट्रेन के बरकाकाना से रांची जाने के क्रम में सिधवार, हेहल, दाड़ीदाग, कोड़ी, कडरू, जोबो, सांकी, हुंडूर, झांझीटोला के ग्रामीणों को काफी फायदा होगा. वर्तमान में इन क्षेत्रों में यातायात का साधन नहीं है. लोग मुख्य बाजार बरकाकाना व भुरकुंडा जाने के लिए दोपहिया वाहन अथवा पैदल जाते हैं.
नयी रेल लाइन पूर्ण होने के बाद कई ट्रेनों के चलने की चर्चा है. चर्चा के अनुसार, रांची-हजारीबाग- कोडरमा वाया बरकाकाना रेल लाइन से नयी-दिल्ली के लिए राजधानी एक्सप्रेस, पटना के लिए एक्सप्रेस, सुपरफास्ट ट्रेन तथा साउथ के लिए भी ट्रेनों के परिचालन की तैयारी रेलवे विभाग कर रहा है.