झारखंड: 125 करोड़ से बनेगी छह किलोमीटर सिल्ली-इलू रेल लाइन, दो घंटे की होगी बचत, सांसद संजय सेठ ने की थी पहल
रांची रेल मंडल के अधीन सिल्ली-इलू बाईपास रेल लाइन के निर्माण को लेकर रेल मंत्रालय ने अपनी हरी झंडी दे दी है. इस रेल लाइन के निर्माण से हावड़ा और टाटा के आवागमन में 2 घंटे समय की बचत होगी. इससे यात्रियों का भी समय बचेगा और रेलवे का संसाधन भी बच सकेगा.
रांची: सिल्ली-इलू रेलवे लाइन का काम जल्द शुरू किया जाएगा. रेलवे मंत्रालय ने इसको लेकर हरी झंडी दे दी है. इस आशय की जानकारी भाजपा के ग्रामीण जिला उपाध्यक्ष विनय महतो धीरज ने दी. उन्होंने बताया कि इसके लिए सांसद संजय सेठ ने काफी समय पहले ही केंद्र से आग्रह किया था. इस योजना पर काम अब शुरू होने की स्वीकृति मिल गयी है. इस छह किमी लाइन पर करीब 125 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इसके पूरा होने से टाटा से रांची जाने के लिए दो घंटे कम समय लगेंगे. सांसद संजय सेठ ने बताया कि इसके लिए रेल मंडल को 125 करोड़ रुपए के बजट की राशि आवंटित की जानी थी, ताकि इसका निर्माण कार्य पूर्ण हो सके. महज 6 किलोमीटर की इस रेल लाइन के पूर्ण होने से यात्री और रेल दोनों ही लाभान्वित हो सकेंगे. इस मुद्दे को लेकर मैंने रेलवे की बैठकों में कई बार इसका प्रस्ताव भेजने को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिया था. सांसद संजय सेठ ने इसके लिए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के प्रति आभार जताया है और कहा है कि दशकों के बाद भारत को ऐसे दूरदृष्टि वाले रेल मंत्री मिले हैं, जो रेलवे के चहुमुखी विकास के लिए लगातार काम कर रहे हैं. सांसद संजय सेठ ने कहा कि ऐसे ही भारतीय रेलवे के द्वारा रांची को और भी कई सौगातें दी जाएंगी. सांसद ने क्षेत्र की जनता की तरफ से भी केंद्रीय रेल मंत्री का आभार जताया है.
कई वर्षों से स्थानीय लोग कर रहे थे मांग
रांची रेल मंडल के अधीन सिल्ली-इलू बाईपास रेल लाइन के निर्माण को लेकर रेल मंत्रालय ने अपनी हरी झंडी दे दी है. इस रेल लाइन के निर्माण से हावड़ा और टाटा के आवागमन में 2 घंटे समय की बचत होगी. इससे यात्रियों का भी समय बचेगा और रेलवे का संसाधन भी बच सकेगा. आपको बता दें कि सिल्ली-इलू रेल लाइन की मांग पिछले कई वर्षों से स्थानीय लोगों के द्वारा की जा रही थी.
बनेगी 6 किलोमीटर की रेलवे लाइन
रांची के सांसद संजय सेठ ने इस मामले में पहल की और 6 किलोमीटर की बाईपास लाइन के निर्माण के लिए केंद्रीय रेल मंत्री को पत्र लिखा. इस आलोक में रेल मंडल रांची के द्वारा भी एक प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजा गया था. सांसद की पहल के बाद रेलवे बोर्ड और रेल मंत्री ने गंभीरता दिखाई है. इसका डीपीआर तैयार हुआ और अब इसके निर्माण को भी हरी झंडी मिल गई.
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सांसद संजय सेठ ने गिनाए फायदे
सांसद संजय सेठ ने बताया कि इसके लिए रेल मंडल को 125 करोड़ रुपए के बजट की राशि आवंटित की जानी थी, ताकि इसका निर्माण कार्य पूर्ण हो सके. महज 6 किलोमीटर की इस रेल लाइन के पूर्ण होने से यात्री और रेल दोनों ही लाभान्वित हो सकेंगे. इस मुद्दे को लेकर मैंने रेलवे की बैठकों में कई बार इसका प्रस्ताव भेजने को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिया था.
सांसद संजय सेठ ने रेल मंत्री से की थी मुलाकात
सांसद संजय सेठ ने कहा कि पिछले वर्ष नई दिल्ली में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात कर उन्हें इस बाईपास लाइन के महत्व से अवगत कराया था. उनसे आग्रह किया था कि जितनी जल्दी यह कार्य पूर्ण होगा रेलवे और क्षेत्र की जनता को उतना ही लाभ मिल सकेगा. उनके इस प्रस्ताव से रेल मंत्री भी सहमत हुए और उन्होंने इसके निर्माण को हरी झंडी दे दी है.
सांसद संजय सेठ रेल मंत्री का जताया आभार
सांसद संजय सेठ ने इसके लिए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के प्रति आभार जताया है और कहा है कि दशकों के बाद भारत को ऐसे दूरदृष्टि वाले रेल मंत्री मिले हैं, जो रेलवे के चहुमुखी विकास के लिए लगातार काम कर रहे हैं. सांसद संजय सेठ ने कहा कि ऐसे ही भारतीय रेलवे के द्वारा रांची को और भी कई सौगातें दी जाएंगी. सांसद ने क्षेत्र की जनता की तरफ से भी केंद्रीय रेल मंत्री का आभार जताया है.
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