रांची: नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिव्यांग बच्चे को इंडिगो विमान में सवार नहीं होने देने पर संज्ञान लिया है. उन्होंने सोमवार को एक पोस्ट पर ट्वीट कर कहा कि ऐसा बर्ताव बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं होगा और किसी भी इंसान को ऐसी स्थिति से गुजरना नहीं पड़े. वह खुद घटना की जांच कर रहे हैं.
बताते चलें कि इंडिगो ने दिव्यांग बच्चे को यह कहकर रांची हवाई अड्डे पर विमान में सवार होने से रोक दिया, क्योंकि वह घबराया हुआ था. जब लड़के को शनिवार को एयरलाइन की रांची-हैदराबाद उड़ान में चढ़ने से रोका गया, तो उसके माता-पिता ने भी उड़ान में सवार नहीं होने का फैसला किया. इसके विरोध में अन्य यात्रियों ने रविवार को सोशल मीडिया पर घटना को लेकर पोस्ट किया, जिसके बाद शनिवार को यह घटना सामने आयी.
इंडिगो के सीइओ रोनोजॉय दत्ता ने घटना पर सोमवार को खेद जताया. श्री दत्ता ने कहा कि इस घटना के सभी पहलुओं की समीक्षा करने के बाद हमारा एक संस्था के तौर पर मानना है कि हमने मुश्किल परिस्थितियों में सबसे बेहतर निर्णय लिया. हम प्रभावित परिवार के प्रति खेद व्यक्त करते हैं और हम उनके बेटे के लिए इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर खरीदने की पेशकश करना चाहते हैं.
शीर्ष बाल अधिकार संस्था एनसीपीसीआर ने घटना पर सोमवार को संज्ञान लिया और कहा कि मामले में उचित कार्रवाई की जायेगी. एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने ट्वीट किया कि दुर्व्यवहार की घटना पर संज्ञान लिया गया है.
भारत के विमानन नियामक डीजीसीए ने दिव्यांग बच्चे को इंडिगो विमान में सवार होने से रोकने के मामले में तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया है. डीजीसीए ने कहा कि टीम रांची और हैदराबाद जाकर एक सप्ताह में साक्ष्य जमा करेगी. जांच रिपोर्ट पर आगे की कार्रवाई होगी. डीजीसीए प्रमुख अरुण कुमार ने भी सोमवार को कहा कि नियामक ने इस मामले पर इंडिगो से रिपोर्ट मांगी है.
बिरसा मुंडा एयरपोर्ट के निदेशक कन्हैया लाल अग्रवाल ने कहा है कि चेक इन से लेकर बोर्डिंग तक में यात्रियों के साथ बेहतर संबंध बनाने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि सात मई को जो घटना हुई है, उसके लिये हम खेद प्रकट करते हैं. उन्होंने कहा कि यात्री की शिकायत के बाद उसकी तत्काल जांच शुरू कर दी गयी.