बड़कागांव. भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का हजारीबाग से गहरा लगाव था. इंदिरा गांधी राजनीतिक संबंध को मजबूती बनाये रखने को लेकर रामगढ़ के राजा व रानी, हजारीबाग के एचएच रहमान, तापेश्वर देव बड़कागांव के हरि मिस्त्री व केरेडारी के आनंदी साव के पास पत्राचार किया करती थीं. बड़कागांव निवासी हरि मिस्त्री के पुत्र लखन विश्वकर्मा आज भी इंदिरा गांधी के पत्रों को संभाल कर रखे हुए हैं. इंदिरा गांधी के प्रशंसकों का कहना है कि इंदिरा गांधी को हजारीबाग की आबो-हवा से विशेष लगाव था. यही कारण है कि वह कई बार यहां आयी थीं. इंदिरा गांधी का हजारीबाग में पहली बार आगमन 25 अक्टूबर 1959 को हुआ था. उन्होंने जिला कांग्रेस कार्यालय की आधारशिला रखी थी. जब इंदिरा गांधी केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री बनी थीं, तब उन्होंने 24 मई 1965 को उसी भवन का उद्घाटन भी किया था. 1971 के संसदीय चुनाव में इंदिरा ने देशव्यापी दौरा किया थी. उस समय भी वह हजारीबाग आयी थीं. उस दौरान उन्होंने कर्जन ग्राउंड में आयोजित आमसभा में जनता से सहयोग की अपील की थी. इसका परिणाम यह हुआ कि हजारीबाग, चतरा और गिरिडीह की तीनों संसदीय सीटें कांग्रेस की झोली में गयी थीं. 1972 के विधानसभा चुनाव में पुन: उनका दौरा हुआ था. उस समय केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री भीष्म नारायण सिंह, हजारीबाग के वरिष्ठ कांग्रेसी एचएच रहमान और तापेश्वर देव, बड़कागांव के हरि मिस्त्री साथ में थे. इंदिरा जी के बुरे दिन के साथी तापेश्वर देव और बिंदेश्वरी दुबे थे. लखन विश्वकर्मा के अनुसार, इंदिरा गांधी का हजारीबाग से विशेष लगाव होने का एक कारण था-यहां की प्राकृतिक छटा. उन्होंने वन्य जीवों की रक्षा के लिए तत्कालीन सीसीएफ एसपी शाही को पत्र भी लिखा था. रामगढ़ घराने की तीन महिला सांसदों विजया राज लक्ष्मी, शशांक मंजरी व ललिता राज लक्ष्मी से बातचीत के क्रम में इंदिरा ने हजारीबाग को विशेष पैकेज देने की बात कही थी. बड़कागांव के प्रथम विधायक कामाख्या नारायण सिंह एवं उनकी पत्नी ललिता राजलक्ष्मी ने इंदिरा गांधी से मिलकर छोटानागपुर के किसानों के लिए विशेष पैकेज की भी मांग की थी.
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