मानसून के दौरान मौसम में आ रहे उतार-चढ़ाव की वजह से मौसमी बीमारियां जैसे- वायरल फीवर और कंजेक्टिवाइटिस आदि का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. वहीं, डेंगू और चिकनगुनिया के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं. खासकर कोल्हान प्रमंडल के कुछ इलाकों में इन बीमारियों का प्रकोप ज्यादा है. इसे देखते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के मिशन डायरेक्टर आलोक त्रिवेदी ने विशेष निर्देश जारी किये हैं. उन्होंने राज्य के सभी सरकारी व निजी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज में वायरल फीवर के सभी मामलों को लेकर विशेष निगरानी व सतर्कता बरतने को कहा है. निर्देश दिया गया है कि जिन मरीजों के शरीर का तापमान 98.6 डिग्री फारेनहाइट से ज्यादा होगा, उनकी रोजाना रिपोर्टिंग होगी.
दरअसल, मानसून के मौसम में नमी का जो स्तर होता है, वह बैक्टीरिया, वायरस और फंगस के पनपने व फैलने के लिए एक आदर्श वातावरण बनाता है. इससे लोग बड़ी आसानी से उक्त संक्रामक रोगों की चपेट में आ जाते हैं. इसी के मद्देनजर एनएचएम की ओर से वायरल फीवर के बारे में सही जानकारी हासिल करने और इसे रोकने के लिए सही कदम उठाने के निर्देश दिये गये हैं. साथ ही डेंगू के लक्षणों वाले सभी संदिग्ध मरीजों के सैंपलों की जांच मेडिकल कॉलेज या स्तरीय लेबोरेट्री में की जायेगी.
इधर, एनएचएम के निर्देश के बाद सभी जिला अस्पतालों में 10 बेड का विशेष वार्ड तैयार कर लिया गया है. वहीं, निजी अस्पतालों के लिए भी ठीक इसी तरह के निर्देश जारी किये गये हैं. पब्लिक हेल्थ डिपाटर्मेंट और जिला वेक्टर बोर्न डिजीज अफसर को इसके लिए ठोस कदम उठाने को कहा गया है. वायरल फीवर से जुड़े मामलों में मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर (एमपीडब्ल्यू), पैरामेडिकल स्टाफ और फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स को लगाया जायेगा.
पूर्वी सिंहभूम पर विशेष निगरानी
पूर्वी सिंहभूम में विशेषकर जिला मुख्यालय जमशेदपुर के विभिन्न इलाकों में एक सप्ताह के दौरान डेंगू के 153 से ज्यादा मामले दर्ज किये गये हैं. इन आंकड़ों को सामने आने के बाद पूर्वी सिंहभूम के चीफ मेडिकल अफसर सह सिविल सर्जन को डेंगू से निबटने के लिए विशेष एक्शन प्लान तैयार करने के निर्देश दिये गये हैं. जमशेदपुर के मानगो, सोनारी, एग्रीको, डिमना, साकची, चाकुलिया, मुसाबनी, घाटशिला, पटमदा, छोटा गोविंदपुर, टेल्को कॉलोनी सहित आसपास के अन्य ग्रामीण इलाकों पर विशेष नजर रखने को कहा गया है.