रांची: पिछले 15 दिनों में आटा, मैदा, चीनी, रिफाइंड, दाल सहित कई खाद्य सामग्रियों की कीमतों में काफी वृद्धि हुई है. वहीं, पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की कीमतें बढ़ने से लोगों की परेशानी और बढ़ गयी है. रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण रिफाइंड तेल, गेहूं, आटा के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. वहीं, दाल की फसल कमजोर होने के कारण दाल की कीमतें भी बढ़ी है़ं
आठ माह में 115 रुपये बढ़े गैस के दाम : घरेलू रसोई गैस की कीमतें छह अक्तूबर 2021 के बाद बढ़ी हैं. उस समय एक सिलिंडर की कीमत 957 रुपये थी़ वर्तमान में इसकी कीमत बढ़ कर 1007 रुपये हो गयी है़ जबकि, पेट्रोल-डीजल की कीमतें 137 दिनों के बाद बढ़ी है.
खुदरा बाजार में तेल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. पाम ऑयल 130 से बढ़ कर 170 रुपये प्रति लीटर, सोयाबीन तेल 155 से बढ़ कर 180-190 रुपये, सरसों तेल 175 से बढ़ कर 180 रुपये और सन फ्लावर तेल 150 से बढ़ कर 180 रुपये प्रति लीटर हो गया है. वहीं, गोल्डेन गेहूं 44 से बढ़ कर 48 रुपये प्रति किलो हो गया है.
वहीं, चीनी 42 से बढ़ कर 44 रुपये, बेसन 90 से बढ़ कर 95 रुपये, जालान चना सत्तू 130 से बढ़ कर 135-140 रुपये प्रति किलो, जालान बेसन 90 से बढ़ कर 95-100 रुपये प्रति किलो हो गया है. अरहर दाल और मूंग दाल 95 से बढ़ कर 100 रुपये, मसूर दाल 90 से बढ़ कर 95 रुपये, चना 65 से बढ़ कर 70 रुपये, चना दाल 75 से बढ़ कर 80 रुपये प्रति किलो हो गया है़.
दाल की फसल कमजोर होने के कारण इसकी कीमतें बढ़ी हैं. वहीं, रूस-यूक्रेन की लड़ाई के कारण गेहूं की सप्लाई चेन में में रुकावट आयी है और रिफाइंड तेल की कीमतें बढ़ी हैं. आटा, मैदान, बेसन, सूजी सहित कई सामग्रियों की कीमतें भी बढ़ गयी हैं.
-जुवीन ठक्कर, खुदरा विक्रेता
Posted By: Sameer Oraon