झारखंड: महंगाई की मार से परेशान हुए लोग, थाली से गायब हो रही अरहर दाल, जीरा गोलकी ने भी बिगाड़ा बजट
गोलकी 850 रुपये व जीरा 800 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. जबकि, एक माह पहले यह 800 और 740 रुपये बिक रहा था. वहीं, मोटा सौंफ 400 रुपये से बढ़ कर 550 रुपये प्रति किलो हो गया है
महंगाई एक बार फिर चरम पर है. दाल, चावल, आटा, सरसों तेल, जीरा व गोलकी के दामों में काफी वृद्धि हुई है. खास कर दाल की कीमत ने लोगों को परेशान कर दिया है. घरों में दाल पतली होने लगी है. अरहर दाल की कीमत 160 रुपये किलो तक पहुंच गयी है. एक माह पहले तक अरहर दाल 140 से 150 रुपये किलो बिक रही थी. वहीं, चना दाल 70 से बढ़ कर 80 रुपये, मसूर दाल 70-75 से बढ़ कर 80-85 रुपये किलो हो गयी है.
गोलकी के पीछे जीरा : गोलकी 850 रुपये व जीरा 800 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. जबकि, एक माह पहले यह क्रमश: 800 और 740 रुपये बिक रहा था. वहीं, मोटा सौंफ 400 रुपये से बढ़ कर 550 रुपये प्रति किलो हो गया है. छोटी इलाइची 2,500 रुपये से बढ़ कर 3,200 रुपये प्रति किलो हो गयी है.
प्याज 35 व अदरक 280 रुपये किलो
प्याज के दाम भी लगातार बढ़ रहे हैं. वर्तमान में प्याज 35 रुपये प्रति किलो मिल रहा है. जबकि, अदरक 280 रुपये व लहसुन 160 से 200 रुपये प्रति किलो मिल रहा है. राहत की बात यह है कि टमाटर के दाम लगातार गिर रहे हैं. टमाटर 60 रुपये किलो मिल रहा है.
चावल, आटा और सरसों तेल के भी दाम बढ़े
इधर, उसना चावल 40 से बढ़ कर 42 रुपये, अरवा चावल 55 से बढ़ कर 60 रुपये, लंबा दाना चावल 110 से बढ़ कर 125 रुपये, सोनाचूर चावल 80 से बढ़ कर 85 रुपये किलो हो गया है. वहीं, लूज आटा 30 से बढ़ कर 32 रुपये किलो हो गया है. सरसों तेल 120-145 रुपये से बढ़ कर 130-150 रुपये प्रति लीटर और चीनी 42 से बढ़ कर 44 रुपये किलो हो गयी है.
दाम में वृद्धि के क्या हैं कारण
खुदरा विक्रेता जुवीन ठक्कर ने कहा कि चावल और दाल का एक्सपोर्ट खुलने और बारिश के कारण चावल और दाल की फसल को नुकसान पहुंचा है. जबकि, गुजरात में हुई तेज बारिश के कारण जीरा, सौंफ आदि को नुकसान पहुंचा है. यही कारण है कि दाम बढ़ रहे हैं.