झारखंड में रूला रही है महंगाई की मार, हरी सब्जियों के भाव बढ़े, जानें क्या है वजह और कब मिलेगी राहत
झारखंड में हरी सब्जियों के भाव फिर से आसमान छूने लगे हैं. नौबत ये आ गयी है कि लोगों को आलू और प्याज के भरोसे अपना घर चलाना पड़ रहा है. किसानों की मानें तो लगातार हो रही बारिश की वजह से फसलें बर्बाद हुई है. जिस वजह से कीमतों में उछाल आया है.
रांची: झारखंड में हरी सब्जियों के भाव फिर चढ़ने लगे हैं. फिलहाल, कच्चू, गोल कद्दू और कच्चा कोहड़ा को छोड़ कर ज्यादातर हरी सब्जियों की कीमत 20 रुपये प्रति किलो से ऊपर ही चल रही है. जरूरत के हिसाब से लोग हरी सब्जियां पाव और आधा किलो सब्जी ही खरीद रहे हैं. आलू और प्याज घरों में तीन वक्त की रसोई मैनेज करने में गृहिणियों का साथ दे रहे हैं.
किसानों और थोक सब्जी विक्रेताओं की मानें, तो पिछले दिनों हुई लगातार बारिश के कारण सब्जियों की फसलें प्रभावित हुई हैं. इसी वजह से दाम बढ़े हैं. नयी फसल के बाजार में आने पर ही कीमतें कम होने की उम्मीद है, लेकिन इसमें एक महीने तक का वक्त लग सकता है.
धनिया पत्ता का भाव मुर्गे के बराबर
बारिश की सबसे ज्यादा मार धनिया पत्ता की खेती पर पड़ी है. बारिश से फसल को काफी नुकसान हुआ है. हालत यह है कि 50 से 60 रुपये किलो बिकनेवाला धनिया पत्ता फिलहाल 150 से 200 रुपये किलो की दर से बिक रहा है. उधर, मुर्गा 150 से 160 रुपये किलो की दर से बिक रहा है. अमूमन एक किलो बर्फ वाली मछली भी इसी दाम में बिक रही है.
देसी मशरूम भी आमलोगों से दूर
इन दिनों बाजार में देसी मशरूम भी अच्छी-खासी मात्रा में आ रहा है. लेकिन इसकी कीमत भी काफी अधिक है. राजधानी में फिलहाल देसी मशरूम की कीमत 60 रुपये से लेकर 100 रुपये प्रति 250 ग्राम की दर से बिक रहा है. इसके शौकीन लोग भी काफी मोल-भाव के बाद इसकी खरीदारी कर रहे हैं.
बोले किसान
शालीमार बाजार में सब्जी बेचने आये किसान विकास मुंडा ने बताया कि इन दिनों लगातार हो रही बारिश के कारण फूल गोभी समेत अन्य सब्जियों की काफी फसल बर्बाद हो गयी है. इस कारण से दामों में तेजी आयी है. यह तेजी एक माह तक बनी रहेगी. नयी सब्जियों का आवक शुरू होने के बाद ही दाम में कमी आयेगी. यदि अब भी लगातार बारिश होती रही, तो कीमत कम होने में और समय लग सकता है.
दाग वाली सब्जियों के भी मिल रहे अच्छे दाम
सब्जियों की महंगाई का आलम यह है कि दाग-धब्बे वाली सब्जियों के भी अच्छे दाम मिल रहे हैं. जैसे अच्छी क्वालिटी का फूल गोभी 60 रुपये किलो या उससे अधिक में मिल रही है. वहीं, दाग वाले, टूट कर छोटे हो चुके गोभी की कीमत आधी हो जाती है. इस कारण से कई लोग उसे भी लेना पसंद कर रहे हैं. यही हाल अन्य हरी सब्जियों के साथ भी है.
बरसाती आलू : 20 दिनों में बढ़ेगी आवक
दुकानदारों का कहना है कि यदि बारिश सामान्य रही, तो 20 दिन में बरसाती आलू की आवक में तेजी आ जायेगी. इन दिनों इसकी आवक शुरू हो गयी है. इसे छतीसगढ़ सहित अन्य जगहों से मंगाया जा रहा है. जबकि 20 से 25 दिनों में राज्य के अंदर राजधानी के आसपास के जिलों से इसकी आवक शुरू हो जायेगी. उसके बाद से कीमत में भी गिरावट आ जायेगी.
राजधानी में सब्जियों के भाव
लाल आलू “20 “22
सफेद आलू “18 “20
बरसाती आलू — “40 से “50
प्याज “18 “20
हरी मिर्च “40 से “50 “60से “80
मूली “15 से “20 “20 से “30
टमाटर “40 से “50 “60 से “70
पत्ता गोभी “20 से “30 “30 से “40
केला “25 से “30 “30 से “40
बोदी “25 से “30 “30 से “40
फ्रेंच बीन “40 से “50 “50 से “60
परवल हरा “25 से “30 “30 से “40
करेला “25 से “30 “35 से “40
झींगी “25 से “30 “35 से “40
नेनुआ “25 से “30 “35 से “40
हरा सेम “80 से “100 “60 से “80
लौकी “20 से “25 “25 से “30
शिमला मिर्च “60 “60 से “80
भिंडी “20 से “30 “30 से “40
पालक साग “40 से “50 “60