रांची : मुंबई अंधेरी के सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करने वाले गिरिडीह निवासी 33 वर्षीय युवक को जब कोराेना पॉजिटिव होने की सूचना मिली, तो उसने तत्काल रांची जिला प्रशासन को इसकी सूचना दी और खुद को कोरेंटाइन करने को कहा. इससे पहले युवक ने मुंबई में कोरोना की जांच के लिए चार मई को अपना सैंपल दिया था. छह मई को वह वाहन पास लेकर अपने तीन साथियों के साथ घर के लिए निकला था. बीच रास्ते में उसे मेल पर चारों साथियों के पॉजिटिव होने की सूचना मिली. उसके तीन दोस्त बिहार के दरभंगा जिला के रहने वाले हैं. पॉजिटिव होने की सूचना पर चारों दोस्तों ने मुंबई लौटने के बजाय अपने राज्यों में जाने का फैसला किया. आठ मई को रांची पहुंचने से पहले युवक ने टॉल फ्री नंबर 1950 पर फोन कर खुद के कोरोना पॉजिटिव होने की सूचना प्रशासन को दी.
जैसे ही प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी जानकारी मिली, तत्काल ही युवक को कोरेंटाइन करने की व्यवस्था की गयी. अधिकारियों ने भी उससे संपर्क साधा. इसके बाद युवक कांटा टोली में उतर गया. पुलिस द्वारा एंबुलेंस बुलाकर युवक काे रिम्स में भर्ती कराया गया. रिम्स के कोविड-19 अस्पताल के डॉक्टरों को युवक ने बताया कि वह सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करता है. उसने सोचा कि जब उसकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आ ही गयी है, तो अपने घर व गांव के लाेगों को संक्रमित क्यों करे. गिरिडीह जाने के बजाय उसने रिम्स के कोविड-19 अस्पताल में भर्ती होना ही उचित समझा.
तीनों पॉजिटिव दोस्त टैक्सी से गये दरभंगा, चालक भी संदेह के घेरे में युवक ने बताया कि उसके तीनों दोस्त दरभंगा के रहने वाले हैं, इसलिए वह टैक्सी से अपने जिला चले गये. दोस्तों का कहना था कि दरभंगा में पहुंचने के बाद वह भी क्वारेंटाइन हो जायेंगे. उनके तीनों दोस्त भी घर नहीं जायेंगे. इधर, चारों लोगों को टैक्सी से लेकर आया व्यक्ति भी अब काेरोना संक्रमण के घेरे में आ गया है. दरभंगा पहुंचने पर वह तीनों के साथ वहीं पर क्वारेंटाइन किया जा सकता है.
रिम्स में आज दोबारा हो सकती है युवक की जांच रिम्स के कोविड-19 अस्पताल में भर्ती युवक ने अपनी जांच रिपोर्ट नहीं दिखायी है. उसका कहना है कि उसे मेल व व्हाट्सऐप पर उसके कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी मिली है. वह मेल दिखा सकता है. इधर, रिम्स के डॉ देवेश कुमार का कहना है कि शनिवार को टास्क फोर्स के साथ बैठक कर युवक की दोबारा जांच कराने पर फैसला लिया जायेगा.