संस्था पैराडाइज की पहल, आदर्श स्कूल बना बिरसा सरस्वती शिशु विद्या मंदिर
रांची : रांची जिले के सोनाहातू प्रखंड में बिरसा सरस्वती शिशु विद्या मंदिर का संचालन किया जा रहा है. संस्कृति विहार ट्रस्ट द्वारा इसे संचालित किया जा रहा है. इस स्कूल की स्थापना 1996 में की गयी थी. फिलहाल इस स्कूल में लगभग 350 बच्चे हैं. इनके लिए 12 शिक्षक हैं. स्वयं सेवी संस्था पैराडाइज की पहल से ये स्कूल मछुआ एवं अनुसूचित जनजाति के बच्चों के लिए आदर्श साबित हुआ है.
रांची : रांची जिले के सोनाहातू प्रखंड में बिरसा सरस्वती शिशु विद्या मंदिर का संचालन किया जा रहा है. संस्कृति विहार ट्रस्ट द्वारा इसे संचालित किया जा रहा है. इस स्कूल की स्थापना 1996 में की गयी थी. फिलहाल इस स्कूल में लगभग 350 बच्चे हैं. इनके लिए 12 शिक्षक हैं. स्वयं सेवी संस्था पैराडाइज की पहल से ये स्कूल मछुआ एवं अनुसूचित जनजाति के बच्चों के लिए आदर्श साबित हुआ है.
दो पालियों में पढ़ाईबिरसा सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में नर्सरी से दसवीं तक की कक्षाएं संचालित की जाती हैं. पढ़ाई दो पालियों में होती है. बिरसा सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में सोनाहातू के आस -पास के करीब 25 गांवों के बच्चे पढ़ते हैं. सबसे खास तो ये है कि यह स्कूल मछुआ एवं अनुसूचित जनजाति (मुंडा) के बच्चों के लिए एक आदर्श स्कूल साबित हुआ है.
हाल ही में झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) द्वारा दसवीं का परीक्षाफल घोषित किया गया था. इसमें इस स्कूल के सभी बच्चे प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी से उत्तीर्ण हुए हैं.
शुद्ध पेयजल की व्यवस्थाइस स्कूल में स्वयं सेवी संस्था पैराडाइज की तरफ से पीने के पानी की व्यवस्था के लिए एक बोरिंग, पंप, टंकी एवं फिल्टर की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है. जुलाई महीने के बजट से ये व्यवस्थी की गयी है. इस परियोजना की कुल लागत लगभग सवा लाख रुपये है. स्कूल के सभी बच्चों एवं शिक्षकों को पेयजल एवं भोजन पकाने के लिए साफ पानी मुहैया कराया गया है.
Posted By : Guru Swarup Mishra