झारखंड : दामोदर को प्रदूषण मुक्त करने की पहल शुरू, नगर निकाय को मिला ये निर्देश
झारखंड के साहेबगंज और राजमहल में गंगा नदी के प्रदूषण स्तर को न्यूनतम स्तर तक ले जाने में कामयाब होने के बाद राज्य सरकार ने अब दामोदर को प्रदूषण मुक्त करने की पहल शुरूकर दी है. इसको लेकर धनबाद ,रामगढ़ और फुसरो नगर निकाय को कई निर्देश दिये गये.
Jharkhand News: नमामि गंगे परियोजना के तहत झारखंड के साहेबगंज और राजमहल में गंगा नदी के प्रदूषण स्तर को न्यूनतम स्तर तक ले जाने में कामयाब राज्य सरकार ने अब दामोदर नद के प्रवाह को अविरल और प्रदूषण मुक्त करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है. भारत सरकार के राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत झारखंड में बहनेवाली दामोदर को स्वच्छ करने का बीड़ा उठाया गया है. इसके लिए धनबाद ,रामगढ़ और फुसरो नगर निकाय के सभी नालों और अन्य जलस्रोतों के जल को एसटीपी से शुद्ध बनाकर ही दामोदर नदी में जाने देने का निर्देश दिया गया है.
झारखंड में काम करना आसान
झारखंड सरकार के नगर विकास एवं आवास विभाग और केंद्र सरकार के राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की ओर से संयुक्त रूप से आयोजित निविदादाता मीट को संबोधित करते हुए राज्य शहरी विकास अभिकरण के निदेशक अमित कुमार ने कहा कि इन सभी नगर निकायों में सिवरेज ट्रिटमेंट प्लांट निर्माण की योजनाएं स्वीकृत कर दी गयी हैं. देश के करीब 36 से ज्यादा बड़ी कंपनियों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए श्री कुमार ने कहा कि झारखंड असीम संभावनाओं का प्रदेश है और झारखंड में काम करना अन्य प्रदेशों की तुलना में बहुत ही आसान है.
मुख्यमंत्री और विभागीय सचिव संवेदनशील
निदेशक श्री कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे इस बात को लेकर बेहद संवेदनशील और संजीदा हैं कि हर नागरिक के घर तक नि:शुल्क शुद्ध पेयजल पहुंचे और नदियों में अविरल धारा प्रवाह बना रहे. उन्होंने यह भी कहा कि विभागीय सचिव के विजन को पूरा करने के लिए उनके मार्गदर्शन में हम कई नगर निकायों में नदियों की स्वच्छता और हर घर तक शुद्ध पेयजल को लेकर कई योजनाओं पर काम कर रहे हैं.
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योजनाओं को धरातल पर लाने के लिए पैसे की कमी नहीं
उन्होंने कहा कि इन तीन शहरों के एसटीपी निर्माण के साथ प्रदेश के सभी नगर निकायों में पेयजल और सेप्टेज की कई योजनाएं हैं जिससे आप जुड़ सकते हैं. कहा कि इन योजनाओं को धरातल पर लाने के लिए सरकार पैसे की कमी नहीं होने देगी. हम विश्व बैंक और एशियन डेवलपमेंट बैंक की भी मदद ले रहे हैं.
देश के बेहतर राज्यों में से एक है झारखंड
वहीं, कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के एक्जक्यूटिव डायरेक्टर (प्रोजेक्ट) हिमांशु बदोनी ने भी निविदादाताओं से अपील की कि वे बड़ी संख्या में झारखंड की परियोजनाओं की निविदा में भाग लें. कहा कि झारखंड नमामि गंगे परियोजना के क्रियान्वयन में देश के बेहतर राज्यों में से एक है. यहां की सरकार और नगर विकास एवं आवास विभाग इन योजनाओं को लेकर बेहद संवेदनशील और तत्पर है, इसलिए यहां काम करने के लिए आपको बढ़ चढ़कर आगे आना चाहिए.
बैठक की महत्वपूर्ण बातें
– हर घर टैब से निःशुल्क शुद्ध पेयजल पहुंचाना राज्य सरकार की प्राथमिकता
– झारखंड में महज 83 किमी गंगा का बहाव है. फिर भी भारत सरकार ने झारखंड को एनएमसीजी में मॉडल स्टेट बनाया
– धनबाद एसटीपी प्रोजेक्ट में निर्माण कंपनियों के साथ वहां के लोगों का सहयोग अपेक्षित है. इस तरह का यह पहला पीपीपी प्रोजेक्ट है
– राज्य सरकार को राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन से सहयोग की काफी उम्मीदें हैं
– धनबाद में काम करना सबसे आसान
– 49 यूएलबी में पेयजल एवं सेप्टेज की हैं कई परियोजनाएं
– धनबाद में 192 एमएलडी, रामगढ़ में 40 एमएलडी और फुसरो में 15 एमएलडी का एसटीपी बनेगा.
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36 से अधिक कंपनियों के प्रतिनिधि हुए शामिल
इस निविदादाता मीट में देश के 36 से ज्यादा निर्माण कंपनियों के उच्च अधिकारी शामिल हुए. वहीं, एनएमसीजी के साथ बिहार अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कंपनी के महाप्रबंधक और पदाधिकारी मौजूद रहे. इस मीट में जिन महत्वपूर्ण निर्माण कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हुए उनमें मैक्स इन्फ्रा प्राइवेट लिमिटेड हैदराबाद, तोसिबा वाटर सॉल्यूशन, इको प्रोटेक्शन, एल एंड टी, एनसीसी लिमिटेड, जेडब्लूआईएल इन्फ्रा लिमिटेड, एमएआरजी लिमिटेड, कल्पतरु पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड, एसइपीसी लिमिटेड, अदानी ग्रुप लिमिटेड, त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इन्डस्ट्रीज लिमिटेड शामिल हैं.
बैठक में ये भी रहे मौजूद
बैठक में मुख्य रूप से भारत सरकार की ओर से एनएमसीजी के ईडी (प्रोजेक्ट) हिमांशु बदोनी, राज्य सरकार के शहरी विकास अभिकरण के निदेशक अमित कुमार के अलावा उप निदेशक कृष्ण कुमार, सहायक निदेशक आशुतोष कुमार, जुडको के परियोजना निदेशक (टेक्निकल) गोपाल जी, धनबाद के नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार, जुडको के परियोजना निदेशक ( एडमिन) रवींद्र मिश्रा, परियोजना निदेशक (वित्त) अमित चक्रवर्ती, डीजीएम आलोक मंडल और डीजीएम उत्कर्ष मिश्रा सहित सूडा की ओर से विभूति कुमार, अंजना भारती और अन्य मौजूद थे.