होटल, लॉज, टूरिज्म गेस्ट हाउस में भी कोरेंटाइन व आइसोलेशन सेंटर बनाने का निर्देश

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ नितिन कुलकर्णी ने सभी उपायुक्तों को पत्र लिख कर अपने-अपने जिलों में स्थित होटल, लॉज, टूरिज्म गेस्ट हाउस आदि को आइसोलेशन और कोरेंटाइन सेंटर में बदलने का सुझाव दिया है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 10, 2020 4:31 AM

रांची : स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ नितिन कुलकर्णी ने सभी उपायुक्तों को पत्र लिख कर अपने-अपने जिलों में स्थित होटल, लॉज, टूरिज्म गेस्ट हाउस आदि को आइसोलेशन और कोरेंटाइन सेंटर में बदलने का सुझाव दिया है. उन्होंने भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप आइसोलेशन सेंटर और कोरेंटाइन सेंटर में सुविधा देने का निर्देश दिया है. भारत सरकार द्वारा कहा गया है कि लॉकडाउन की वजह से ये खाली हैं. इनका इस्तेमाल कोरेंटाइन सेंटर के रूप में किया जा सकता है.

गाइडलाइन के अनुसार, जो लोग सरकार के कोरेंटाइन सेंटर में नहीं रहना चाहते, वे चाहें तो पेमेंट करके बेहतर सुविधावाले कोरेंटाइन सेंटर में रह सकते हैं. इसके लिए होटल, लॉज, गेस्ट हाउस आदि को शामिल किया जा सकता है. वैसे लोग जिनके पास घर में पर्याप्त सुविधा नहीं है, वे चाहे तो यह सुविधा ले सकते हैं. इससे परिवार की सुरक्षा भी होगी और संदिग्ध आराम भी महसूस कर सकेगा.

साथ ही सरकार के कोविड अस्पताल में कोरेंटाइन और आइसोलेशन सेंटर में लोड कम होगा. क्या है गाइडलाइन में- आइसोलेशन और कोरेंटाइन सेंटर एक साथ न हो, सुविधा देनेवाला दोनों में से कोई एक की ही सुविधा दे सकता है.- पेमेंट के आधार पर सिंगल रूम अटैच्ड बाथरूम के साथ होना चाहिये.- पेमेंट का निर्धारण राज्य सरकार के स्तर पर होना चाहिये.- इन दोनों जगहों पर कांटैक्ट में आनेवाले लोगों को ही रखा जाना चाहिये.- यहां 24 घंटे डॉक्टर और नर्स की सुविधा होनी चाहिये.- डॉक्टर नियमित रूप से संदिग्ध की जांच करते रहें.- सेवा देनेवाला सैंपल जांच करनेवाले लैब के नेटवर्क की सुविधा दे सकता है. – परिसर में वाइ-फाइ की सुविधा हो, इनमें रहनेवाले लोगों के मोबाइल में आरोग्य सेतू एेप अनिर्वाय रूप से हो. – रूम नियमित रूप से डिसइन्फेक्ट किये जाते रहेंगे. स्वच्छ टॉवेल दिये जाने की सुविधा हो.- खान-पान और अन्य सेवा देनेवाला सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखे.

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