राज्य के सभी नगर निगमों व नोटिफाइड एरिया को प्रतिवादी बनाने का निर्देश
मामला झारखंड में फुटपाथ दुकानदारों को हटाने के पूर्व उनका पुनर्वास करने का
वरीय संवाददाता, रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने फुटपाथ दुकानदारों को सड़क से हटाने के पूर्व उनके पुनर्वास को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव व जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने सुनवाई के दाैरान पक्ष सुनने के बाद कहा कि यह मामला पूरे राज्य में स्ट्रीट वेंडर्स (आजीविका संरक्षण व स्ट्रीट वेंडिंग विनियमन) अधिनियम-2014 के प्रावधानों को लागू कराने से संबंधित है. इसलिए प्रार्थियों के अधिवक्ता राज्य के अंदर संबंधित सभी नगर निगमों व अधिसूचित क्षेत्रों (नोटिफाइड एरिया) को प्रतिवादी बनायेंगे. इसके अलावा खंडपीठ ने मामले में रांची नगर निगम के जवाब को देखते हुए कहा कि रांची नगर निगम द्वारा स्ट्रीट वेंडर्स अधिनियम-2014 के प्रावधानों का पर्याप्त अनुपालन किया गया है. मामले की अगली सुनवाई 22 जनवरी 2025 को होगी. इससे पूर्व रांची नगर निगम की ओर से अधिवक्ता एलसीएन शाहदेव ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी नेशनल हॉकर फेडरेशन की ओर से जनहित याचिका दायर की गयी है. प्रार्थी ने फुटपाथ दुकानदारों को सड़क से हटाने के पूर्व उनके पुनर्वास की मांग की है. कहा गया है कि स्ट्रीट वेंडर्स अधिनियम-2014 के प्रावधानों को राज्य में लागू किया जाये. पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा था कि सिर्फ सब्जी विक्रेता व फुटपाथ दुकानदारों को सड़क के किनारे से हटाने से काम नहीं चलेगा. उनके लिए रांची नगर निगम रांची शहर में जगह चिह्नित करे. उन्हें दुकान लगाने के लिए जगह दी जाये. यह उनकी आजीविका का साधन है. रांची नगर निगम की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि रांची में फुटपाथ दुकानदारों व सब्जी विक्रेताओं के लिए लालपुर-कोकर मार्ग में डिस्टलरी पुल के पास, रातू रोड स्थित नागा बाबा खटाल और कचहरी रोड में अटल वेंडर मार्केट बनाया गया है. इसके अलावा अन्य जगहों पर वेंडिंग जोन चिह्नित किया गया है.
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