दुकानें तोड़ने पर प्रार्थी को पांच लाख मुआवजा भुगतान का निर्देश

मानसिक पीड़ा व वेदना के लिए अलग से प्रार्थी को 25000 रुपये देने का आदेश

By Prabhat Khabar News Desk | June 28, 2024 12:12 AM

रांची़ झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने चतरा में दुकान तोड़ने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के दाैरान अदालत ने प्रार्थी व प्रतिवादी का पक्ष सुना. इसके बाद अदालत ने राज्य सरकार को प्रार्थी को पांच लाख रुपये बताैर मुआवजा भुगतान करने का निर्देश दिया. अदालत ने कहा कि इस मामले में प्रतिवादी प्राधिकारी के अवैध कार्य और मनमानी के कारण प्रार्थी को मानसिक पीड़ा व वेदना झेलनी पड़ी है. इसलिए 25 हजार रुपये का अलग से भुगतान किया जाये. अदालत ने उक्त राशि छह सप्ताह के अंदर भुगतान करने का निर्देश देते हुए याचिका को निष्पादित कर दिया. अदालत ने कहा कि राज्य या उसके द्वारा किये गये सभी कार्य संविधान के अधीन व कानून द्वारा निर्धारित सीमाओं में किये जाते हैं. राज्य को कानून का पालन करना है. प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के अनुरूप बनाया जाना चाहिए, जिसके लिए कम से कम प्रभावित व्यक्ति को नोटिस और सुनवाई का अवसर प्रदान करना आवश्यक है, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं किया गया. प्राधिकरण की कार्रवाई कानून के सभी सिद्धांतों का उल्लंघन है. अदालत ने राज्य सरकार को यह छूट प्रदान की है कि वह मामले में दोषी अधिकारियों से मुआवजे की राशि वसूलने पर निर्णय ले सकती है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी राजेंद्र कुमार साहू ने याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि बिना किसी सुनवाई के चतरा जिले के चौरा स्थित रैयती जमीन पर बनी पांच दुकानों को तोड़ दिया गया था.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version