अंततः लंबे अरसे बाद इंटक 11वें जेबीसीसीआइ में शामिल हो गया. गुरुवार को कोल इंडिया के निदेशक कार्मिक विनय रंजन ने इंडियन नेशनल माइन वर्कर्स फेडरेशन (इंटक) को जेबीसीसीआइ में शामिल करने का आदेश जारी कर दिया. इसके मुताबिक विधायक जयमंगल सिंह, एसक्यू जामा, सौभाग्य प्रधान, बी जनक प्रसाद मुख्य सदस्य व एके झा, चंडी बनर्जी, वीरेंद्र सिंह बिष्ट, गोपाल नारायण सिंह वैकल्पिक सदस्य होंगे. कोलकाता हाइकोर्ट द्वारा 10 फरवरी 2023 को दिये आदेश व सुप्रीम कोर्ट में ददई गुट की एसएलपी डिसमिस होने का बाद कोल इंडिया प्रबंधन ने उपरोक्त आदेश जारी किया है.
आपसी विवाद व कोर्ट के आदेश के कारण इंटक 10वें जेबीसीसीआइ से बाहर था. 14 सितंबर 2016 को दिल्ली हाइकोर्ट ने ददई गुट की ओर से दायर याचिका 8152 / 2016 पर सुनवाई के बाद इंटक को जेबीसीसीआइ में शामिल होने पर रोक दिया था. इसके बाद 18 नवंबर 2016 को 10 वां जेबीसीसीआइ गठन का पत्र जारी हुआ था.
कोयला मजदूरों का 10वां वेतन समझौता इंटक के बगैर हुआ. 11वां जेबीसीसीआइ 10 जून 2021 को बगैर इंटक गठन हुआ था. जेबीसीसीआइ गठन के जारी पत्र में इंटक के चार मुख्य और चार वैकल्पिक सदस्य के लिए स्थान रिक्त रखा गया था. 11वें जेबीसीसीआइ की आठ बैठक अब तक हो चुकी है. आठवीं बैठक में 19 प्रतिशत एमजीबी पर चार यूनियनों एवं प्रबंधन के बीच सहमति हो चुकी है.