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टेरर फंडिंग मामले में अग्रवाल बंधुओं की अंतरिम राहत 17 अगस्त तक बढ़ी, 13 अगस्त को फिर सुनवाई करेगा हाइकोर्ट

रांची : आतंकवाद के वित्त पोषण (टेरर फंडिंग) मामले के आरोपितों अग्रवाल बंधुओं को झारखंड हाइकोर्ट से शुक्रवार (31 जुलाई, 2020) को थोड़ी और राहत मिल गयी है. कोर्ट ने उन्हें जो राहत दी थी, उसे 17 अगस्त तक बढ़ा दी है. मामले की अगली सुनवाई अब 13 अगस्त को होगी. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन एवं जस्टिस सुधीर नारायण प्रसाद की पीठ ने इनकी याचिका पर सुनवाई के बाद पूर्व में दी गयी राहत की अवधि बढ़ा दी.

रांची : आतंकवाद के वित्त पोषण (टेरर फंडिंग) मामले के आरोपितों अग्रवाल बंधुओं को झारखंड हाइकोर्ट से शुक्रवार (31 जुलाई, 2020) को थोड़ी और राहत मिल गयी है. कोर्ट ने उन्हें जो राहत दी थी, उसे 17 अगस्त तक बढ़ा दी है. मामले की अगली सुनवाई अब 13 अगस्त को होगी. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन एवं जस्टिस सुधीर नारायण प्रसाद की पीठ ने इनकी याचिका पर सुनवाई के बाद पूर्व में दी गयी राहत की अवधि बढ़ा दी.

महेश अग्रवाल और सोनू अग्रवाल झारखंड में टेरर फंडिंग के आरोपित हैं. महेश अग्रवाल आधुनिक पावर के तत्कालीन निदेशक हैं, जबकि सोनू अग्रवाल कोयला खदान में ट्रांसपोर्टिंग के काम से जुड़े रहे हैं. इन्हें इसी महीने 14 जुलाई तक अंतरिम राहत दी गयी थी. बाद में कोर्ट ने इनकी अंतरिम राहत 31 जुलाई तक बढ़ा दी थी. अब इसे 17 अगस्त तक बढ़ा दिया है. इस दौरान आरोपियों के खिलाफ कोई पीड़क कार्रवाई नहीं की जायेगी.

इससे पहले 1 जुलाई को झारखंड हाइकोर्ट के न्यायाधीश डॉ रवि रंजन व न्यायाधीश एसएन प्रसाद की पीठ ने इनकी याचिका पर लगभग पूरे दिन बहस की थी. पिछली सुनवाई के दौरान अग्रवाल बंधुओं के वकील ने पीठ को बताया था कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने उन पर जो भी आरोप लगाये हैं, वह गलत हैं. महेश और सोनू अग्रवाल ने कोर्ट में दावा किया था कि ये लोग स्वयं पीड़ित हैं.

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इन्होंने कोर्ट में कहा था कि मगध एवं आम्रपाली कोल परियोजना में कोयला के उठाव के लिए उनसे रंगदारी वसूली जाती थी, लेकिन एनआइए ने इस मामले में उन्हें ही आरोपी बना दिया है. अग्रवाल बंधुओं ने अपने खिलाफ दायर मुकदमे के खिलाफ एक क्वैशिंग याचिका भी दायर कर रखी है.

इस फैसले के बाद वैसे सभी संबंधित मामलों में, जिसमें पूर्व में पीड़क कार्रवाई करने पर रोक लगी हुई है, उन मामलों में 17 अगस्त तक जांच एजेंसियां कोई पीड़क कार्रवाई नहीं करेंगी. प्रार्थियों की अोर से अधिवक्ता सुमित गाड़ोदिया, अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने अपने आवासीय कार्यालयों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से खंडपीठ के समक्ष पक्ष रखा.

ज्ञात हो कि इन दोनों लोगों पर मगध आम्रपाली प्रोजेक्ट में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया एवं अन्य नक्सली संगठनों को आर्थिक मदद पहुंचाने के गंभीर आरोप हैं. इस मामले में एनआइए ने इन्हें आरोपी बनाया है. इसके खिलाफ महेश अग्रवाल और सोनू अग्रवाल ने हाइकोर्ट में याचिका दायर कर रखी है. इस मामले में अन्य आरोपी सुदेश केडिया और अजय सिंह न्यायिक हिरासत में हैं.

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उल्लेखनीय है कि प्रार्थी विनीत अग्रवाल, अमित अग्रवाल व महेश अग्रवाल की ओर से क्रिमिनल अपील याचिका दायर की गयी है. एनआइए ने टेरर फंडिंग मामले में प्राथमिकी दर्ज की है, जिसमें इन्हें आरोपी बनाया गया है.

Posted By : Mithilesh Jha

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