Olympic News 2021 In jharkhand रांची : ओलिंपिक में खेलना और उसमें पदक हासिल करना हर खिलाड़ी का सपना होता है. झारखंड के खिलाड़ियों का भी है अरमान है कि वे ओलिंपिक में गोल्ड मेडल हासिल करें और उनके लिए राष्ट्रगान बजे. इसके लिए राज्य के उभरते खिलाड़ी जी-जान से मेहनत कर रहे हैं. मौजूदा दौर में हॉकी, तीरंदाजी, एथलेटिक्स, कुश्ती आदि के उभरते खिलाड़ियों में ओलिंपिक को लेकर गजब का उत्साह दिखायी दे रहा है.
इनका एक ही सपना है ओलिंपिक में अपने देश के लिए मेडल जीत कर लाना. इन खिलाड़ियों में घाटो (रामगढ़) की सपना व गुमला की एथलीट फ्लोरेंस बारला है. इस बार चोटिल होने के कारण एथलीट सपना ओलिंपिक क्वालिफिकेशन से चूक गयी.
वहीं लांग जंप की नेशनल विनर मांडर की प्रियंका केरकेट्टा, तीरंदाजी मेंं दीप्ति, कुश्ती में चंचला, एथलेटिक्स में दीपक टोप्पो का भी अरमान ओलिंपिक में मेडल जीतना है. इस बार 23 जुलाई से तोक्यो में होनेवाले ओलिंपिक के लिए झारखंड से तीन खिलाड़ियों का चयन हुआ है.
इनमें तीरंदाजी में दीपिका व महिला भारतीय हॉकी टीम में निक्की प्रधान व सलीमा टेटे शामिल हैं. ये तीनों ही खिलाड़ी अपने देश के लिए ओलिंपिक मेडल जीतने को आतुर हैं.
झारखंड का ओलिंपिक से पुराना नाता है. आजादी से पहले जयपाल सिंह मुंडा ओलिंपिक खेलनेवाले और मेडल जीतनेवाले इस क्षेत्र (अविभाजित बिहार) के पहले खिलाड़ी थे. तब से लेकर आज तक कुल आठ खिलाड़ियों ने ओलिंपिक में अपनी उपस्थित दर्ज करायी है. हालांकि, सिर्फ हॉकी में ही झारखंड के दो खिलाड़ियों (जयपाल सिंह मुंडा व सिलवानुस डुंगडुंग) को गोल्ड मेडल मिला है
श्रीलंका में आयोजित साउथ एशियन जूनियर एथलेटिक्स (सैफ) में स्वर्ण जीत घाटो (रामगढ़) की सपना कुमारी इस बार चोटिल होने के कारण ओलिंपिक क्वालिफिकेशन से चूक गयीं. पटियाला में सीनियर इंटर स्टेट नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप और कोयंबटूर में नेशनल चैंपियनशिप में स्वर्ण जीत चुकी सपना को इस बार ओलिंपिक तक नहीं पहुंच पाने का अफसोस है. वह कहती हैं कि इंजरी के कारण चार क्वालिफिकेशन चैंपियनशिप में भाग लेने से चूक गयीं. इसके बावजूद सपना के हौसले बुलंद हैं. उसे उम्मीद है कि 2024 में पेरिस में होनेवाले ओलिंपिक में वह हिस्सा लेगी और देश के लिए पदक जीतेगी.
मांडर की प्रियंका केरकेट्टा के नाम लांग जंप में राष्ट्रीय रिकॉर्ड है. 2019 में 15वें फेडरेशन कप में गोल्ड मेडल जीतने के साथ 6.30 मीटर का जंप लगाकर प्रियंका ने यह रिकॉर्ड बनाया था. अभी तक कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीत चुकी किसान माता-पिता की बेटी प्रियंका भी ओलिंपिक मेडल जीतना चाहती है. वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में झारखंड का प्रतिनिधित्व कर चुकी प्रियंका ने इस साल मार्च में पटियाला में आयोजित 24वीं फेडरेशन कप सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप की लंबी कूद प्रतिस्पर्धा में 6.10 मीटर कूद कर स्वर्ण पदक हासिल किया.
जोन्हा के चालक कायनाथ महतो की बेटी दीप्ति कुमारी तीरंदाजी (रिकर्व) में उभरता हुआ नाम है, जिसने इसी वर्ष जूनियर नेशनल आर्चरी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता है और इनका चयन एशिया तीरंदाजी चैंपियनशिप के लिए भी हुआ था, लेकिन कोरोना के कारण ये नहीं जा पायी. दीप्ति का कहना है कि मेरा लक्ष्य बस ओलिंपिक है और मैं इसी को ध्यान में रखकर मेहनत कर रही हूं. दीपिका दीदी को मैं अपना आदर्श मानती हूं और बस उन्हीं की तरह ओलिंपिक में जाना चाहती हूं.
गुमला की रहनेवाली एथलीट फ्लोरेंस बारला ने अपनी प्रतिभा के दम पर वर्ल्ड यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप के लिए अपना टिकट कटवाया है. 400 मीटर इवेंट की इस खिलाड़ी ने यूरो एशिया कप के इवेंट में दो स्वर्ण पदक जीते हैं. फ्लोरेंस का कहना है कि ओलिंपिक में जाना हर किसी का सपना होता है, इसलिए कोच के निर्देशन में इसी सपने को पूरा करने में लगी हुई हूं. मेरी तैयारी 2028 की है.
हजारीबाग के रहनेवाले एथलीट दीपक टोप्पो ने इसी साल जूनियर नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप के 60 मीटर इवेंट में रिकॉर्ड बनाया था. अब दीपक के सपनों में एक और रिकाॅर्ड है. दीपक का कहना है कि अब मैं ओलिंपिक में रिकॉर्ड बनाना चाहता हूं. प्रयास कर रहा हूं और मेहनत भी कर रहा हूं.
इन खेलों के अलावा कुश्ती में भी एक उभरती हुई खिलाड़ी सामने आयी है. जेएसएसपीएस की कैडेट चंचला कुमारी झारखंड की पहली खिलाड़ी बन गयी है, जिसका चयन जूनियर वर्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप के लिए किया गया है. चंचला का कहना है कि मैं विनेश फोगाट को अपना आदर्श मानती हूं और अब मेरी तैयारी जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप की है. इसके बाद मेरा टारगेट और सपना ओलिंपिक है.