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crime news : ओडिशा पुलिस के छापे में इंटरनेट बेस्ड कॉलिंग रैकेट का भंडाफोड़, पांच सेटअप बॉक्स बरामद

गैंग का सरगना अशदुर जमाल बांग्लादेश में रहता है

वरीय संवाददाता, रांची/नामकुम

रांची के नामकुम थाना क्षेत्र स्थित मौलाना आजाद काॅलोनी के एक फ्लैट से इंटरनेट बेस्ड कॉलिंग कराने के गोरखधंधे का खुलासा हुआ है. इसका कनेक्शन बांग्लादेश से जुड़ा है. गिरोह का सरगना अशदुर जमाल बांग्लादेश में रहकर पूरे गैंग को ऑपरेट करता है. वह दिसंबर 2023 में सिम बॉक्स सेटअप संचालित करने के लिए कटक आया था. उसके बाद से व्यवस्था की देखरेख मामले में गिरफ्तार राजू मंडल करता था. हाल के दिनों में बांग्लादेश में हुए घटनाक्रम में भी इस गिरोह के जुड़े होने का अंदेशा जताया जा रहा है. मंगलवार को ओडिशा पुलिस की टीम की छापेमारी में इसका खुलासा हुआ. ओडिशा स्पेशल स्कवायड के एसीपी हिमांशु स्वाई व एसीपी केपी मिश्रा के नेतृत्व में दस सदस्यीय टीम भुवनेश्वर के लक्ष्मीसागर थाना क्षेत्र अंतर्गत महादेव नगर से गिरफ्तार राजू मंडल को लेकर मौलाना आजाद कॉलोनी के रोड नंबर-15 स्थित हाजी सुहैल के फ्लैट पहुंची थी. इस टीम को नामकुम, लोअर बाजार थाना व खादगढ़ा ओपी पुलिस की टीम सहयोग कर रही थी. रांची के डीएसपी मुख्यालय प्रथम अमर कुमार पांडेय, तकनीकी शाखा, साइबर सेल के लोग भी मौके पर पहुंचे थे. छह घंटे तक चली छापेमारी के दौरान ओडिशा पुलिस ने फ्लैट से पांच सिम सेटअप बॉक्स, एक इंर्वटर, एक सूटकेस,एक पिट्ठू बैग सहित अन्य सामान जब्त किया. ओडिशा पुलिस के एसीपी ने बताया कि 16 अगस्त को ओडिशा पुलिस ने सिम बॉक्स रैकेट का खुलासा करते हुए राजू मंडल को गिरफ्तार किया था. पांच दिन की रिमांड पर पूछताछ करने पर उसने भुनेश्वर, कटक व रांची में सिम बॉक्स संचालित करने की बात कही. उसकी निशानदेही पर पुलिस ने भुवनेश्वर से सात, कटक से पांच सिम सेटअप बॉक्स, दो रिजर्व सिम बॉक्स, सैकड़ों सिम व राउटर सहित अन्य सामान जब्त किये थे.

8000 रुपये प्रतिमाह किराये पर राजू ने लिया था फ्लैट :

राजू मौलाना आजाद कॉलानी स्थित फ्लैट से सिम सेटअप बॉक्स ऑपरेटर करता था. उसने कपड़े का व्यवसाय करने के लिए 8000 रुपये प्रतिमाह किराये पर फ्लैट लिया था. फ्लैट मालिक यहां नहीं रहता. एक केयरटेकर के भरोसे फ्लैट है. इसमें और भी किरायेदार रहते हैं. छापे के दौरान रांची पुलिस ने रोड नंबर 15 स्थित फ्लैट में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी. पुलिस मुख्य गेट पर तैनात थी. किसी को भी प्रवेश नहीं करने दे रही थी. ओडिशा पुलिस के पीछे एक ट्रेवलर गाड़ी से पत्रकारों की टीम भी रांची आयी हुई थी.

गिरोह कैसे करता है काम

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सिम बॉक्स के जरिये इंटरनेट बेस्ड कॉलिंग सुविधा मुहैया करायी जाती है. इसके लिए गिरोह एक ऐप मुहैया कराता है. उस ऐप के जरिये कॉल करने पर कॉलर का आइडेंटिफिकेशन नहीं पता किया जा सकता है. इसके बदले यह गिरोह ऐप के जरिये सेवा लेने वालों से मोटी रकम वसूलता है. इस तरह की सेवा का उपयोग कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई और अमन साहू सहित अन्य गैंगस्टर, हवाला कारोबारी व सुरक्षा में सेंध लगाने के काम में लगने वाले करते हैं.

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