झारखंड के ग्राम पंचायतों में इंटरनेट सेवा ठप, ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने का दावा सिर्फ कागज पर
सिस्टम से जुड़े कर्मियों को निजी कंपनियों से नेट कनेक्टिविटी लेकर किसी तरह काम चलाना पड़ रहा है. अगर उनका यह प्रयास न हो, तो पूरी योजनाएं ठप ही हो जायेंगी
झारखंड की ग्राम पंचायतों (कुछ को छोड़ कर) में इंटरनेट सेवा पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है. इसका असर राज्य की विकास और कल्याणकारी योजनाओं पर दिख रहा है. ग्रामीणों को न तो योजनाओं की जानकारी मिलती है और न उसका लाभ मिलता है. वहीं, छात्र-छात्राओं को रोजगार या परीक्षा आदि के लिए फॉर्म भरने के लिए किसी कैफे में जाना पड़ता है. इंटरनेट कनेक्टिविटी के अभाव में ग्रामीण जरूरी काम के लिए पंचायत और प्रखंड कार्यालय के चक्कर लगाने को विवश हैं.
सिस्टम से जुड़े कर्मियों को निजी कंपनियों से नेट कनेक्टिविटी लेकर किसी तरह काम चलाना पड़ रहा है. अगर उनका यह प्रयास न हो, तो पूरी योजनाएं ठप ही हो जायेंगी. प्रभात खबर ने राज्य की कुछ पंचायतों और प्रखंडों में इंटरनेट सेवा की मौजूदा हालत जानने के लिए सैंपल टेस्टिंग करायी. प्रस्तुत है यह रिपोर्ट…
झारखंड सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई-गवर्नेस विभाग का दावा है कि राज्य के 4638 ग्राम पंचायतों/प्रखंड मुख्यालयों में से 4533 में भारतनेट फेज-1 और फेज-2 के तहत ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) बिछाने का काम पूरा कर लिया गया है. वहीं, शेष 105 ग्राम पंचायतों में कार्य प्रगति पर है.
इधर, झारनेट की इंट्रा सेवा को लेकर चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में 55 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है. हालांकि, वास्तविकता यह है कि कई पंचायतों में सिर्फ पाइप बिछा कर छोड़ दिया गया है. यानी दावों के उलट राज्य की ग्राम पंचायतों में इंटरनेट सेवा केवल कागजों पर ही बहाल दिख रही है.
इंटरनेट कनेक्टिविटी के अभाव में पंचायतों में मनरेगा की योजनाएं प्रभावित हैं. योजनाओं के चयन के बाद आगे की प्रक्रिया के लिए जियो टैगिंग भी नहीं हो पा रही है. इससे योजनाओं के चयन में काफी वक्त लग रहा है. गरीबों के लिए वृद्धा पेंशन और विधवा पेंशन का काम भी प्रभावित हो रहा है. उन्हें चयन से लेकर राशि का भुगतान करने में परेशानी हो रही है. जमीन की रसीद जारी करने का सिस्टम पूरी तरह ऑनलाइन है. नेट कनेक्टिविटी बेहतर नहीं होने से लगान प्राप्त करने और रसीद जारी करने में भी परेशानी आ रही है. इंटरनेट सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण दुर्गम गांवों के ग्रामीण प्रखंड कार्यालयों से निराश लौट रहे हैं.
खलारी : किसी पंचायत में इंटरनेट सेवा चालू नहीं
‘भारत नेट परियोजना’ खलारी प्रखंड की पंचायतों में सफल नहीं है. बीबीएनएल (भारत नेट) की ओर से खलारी की पंचायतों के पंचायत भवन में ऑप्टिकल फाइबर के जरिये नेट कनेक्टिविटी देना शुरू किया गया, लेकिन 14 में से केवल छह पंचायत भवनों को ही कनेक्ट किया जा सका. वर्तमान सर्वे में पता चला कि किसी भी पंचायत में इंटरनेट सेवा चालू नहीं है. प्रखंड की छह पंचायतों लपरा, मायापुर, चुरी मध्य, चुरी पश्चिमी, चुरी उत्तरी व बमने पंचायत में ऑप्टिकल फाइबर जोड़ा गया था.
बताया गया कि शुरुआत में कुछ पंचायतों में सेवा शुरू हुई थी, लेकिन एक-दो महीने में वह भी बंद हो गयी. इंटरनेट सुविधा के अभाव में ग्राम पंचायतों के काम भी प्रभावित हो रहे हैं. मनरेगा, वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन, लगान रसीद आदि के काम बाधित हैं.
खूंटी : कई पंचायतों में इंटरनेट सेवा खराब
खूंटी की सभी 86 पंचायतों में इंटरनेट की सुविधा शुरू की गयी थी. हालांकि, इसका उपयोग सिर्फ प्रज्ञा केंद्र संचालित करने के लिए हो रहा है. लेकिन, कई पंचायतों में सीएससी सेंटर या तो है ही नहीं और अगर है भी तो खुलता ही नहीं है. जिला मुख्यालय और प्रखंड मुख्यालय तथा उसके आसपास की पंचायत में ही सीएससी सेंटर संचालित हो रहे हैं. किसी भी पंचायत में वाईफाई की सुविधा नहीं दी गयी है.
खूंटी प्रखंड में भंडरा, सिलादोन, डाड़ीगुटू, तिलमा, कर्रा प्रखंड में जुरदाग, कुदलुम, मुरहू प्रखंड में कुदा, गुटुहातू, केवडा, रनिया प्रखंड में खटखुरा तथा कर्रा में बोहंडा, कोचांग, मदहातू पंचायत में लगी इंटरनेट सेवा बंद है. जिला सूचना एवं विज्ञान पदाधिकारी रवि रंजन ने बताया कि कई जगहों पर फाइबर केबल कटने और कई जगहों पर सोलर प्लेट की चोरी होने के कारण सेवा बाधित है.
कांके : नेट कनेक्टिविटी खराब, धीमा होता है काम
कांके प्रखंड की सभी 32 पंचायतों के पंचायत भवन में सरकार ने इंटरनेट के साथ वाइफाई की सुविधा के साथ कंप्यूटर व ऑपरेटर उपलब्ध कराया था. फिलहाल किसी भी पंचायत भवन में कंप्यूटर नहीं दिख रहा. वहीं, संविदा पर नियुक्त ऑपरेटरों को हटा दिया गया है. कांके के अरसंडे, कांके उत्तरी, कांके दक्षिणी, बोड़ेया, गागी पंचायत भवन में इंटरनेट का कनेक्शन था, लेकिन वह काम नहीं कर रहा था. इधर, पंचायतों के मुखिया ने बताया कि इंटरनेट की स्पीड काफी धीमी थी, जिस कारण काम करना असंभव था. पंचायत भवन स्थित प्रज्ञा केंद्र संचालक ने खुद की इंटरनेट सेवा ले रखी है.
मैक्लुस्कीगंज : वैकल्पिक व्यवस्था से हो रहा काम
खलारी प्रखंड की लपरा व मायापुर पंचायत को वाइफाई सेवायुक्त बनाने की योजना आज तक पूरी नहीं हुई है. बड़ी मशक्कत के बाद दोनों पंचायतों को भारत नेट के वाइफाई सिस्टम से जोड़ा गया था. लेकिन दोनों जगहों पर योजना के तहत अब तक कामकाज शुरू नहीं हो सका है. जनप्रतिनिधियों और उक्त दोनों पंचायत सचिवालय परिसर के प्रज्ञा केंद्र संचालकों ने बताया कि वाइफाई सिस्टम की देखरेख करनेवालों ने कई बार इसे दुरुस्त कर सुचारू करने का प्रयास किया, लेकिन कमजोर कनेक्टिविटी व धीमी स्पीड के चलते कामकाज शुरू नहीं हो सका है.
ओरमांझी : छह पंचायतों में इंटरनेट व वाइ-फाई सेवा ठप, ग्रामीण परेशान
ओरमांझी प्रखंड की चकला, ओरमांझी, बरवे, करमा, इरबा, गगारी पंचायतों में वाईफाई व इंटरनेट सुविधा दो वर्षों से ठप है. इन पंचायतों में प्रज्ञा केंद्र के संचालक अपने निजी इंटरनेट व वाईफाई के सहारे कामकाज कर रहे हैं. ओरमांझी पंचायत के मुखिया दीपक बड़ाइक व गगारी के मुखिया धनराज बेदिया ने बताया कि दो वर्षों से इंटरनेट व वाईफाई के अभाव में ग्रामीणों के जरूरी काम बाधित हो रहे हैं. गगारी पंचायत के ग्राम चापावार निवासी महिला ललिता देवी
(62 वर्ष, पति-स्व कारी नायक) ने बताया कि वे तीन माह से पंचायत का चक्कर लगा रही हैं. वृद्धा पेंशन पास हो गया है, लेकिन प्रज्ञा केंद्र संचालक बताते हैं इंटरनेट नहीं होने के कारण फिंगरप्रिंटिंग नहीं हो पा रही है. इस वजह से पेंशन रुकी हुई है. इस संबंध में ओरमांझी बीडीओ विजय कुमार सोनी ने बताया कि प्रखंड मुख्यालय में लगा इंटरनेट व वाईफाई बिल्कुल दुरुस्त है. जिन पंचायतों में दिक्कत है, वहां के मुखिया से जानकारी लेकर उसे जल्द ठीक करायेंगे.
पिपरवार : तीन पंचायतों में ग्रामीणों को मिल रहा लाभ
पिपरवार कोयलांचल की तीन पंचायत किचटो, बेंती व बचरा दक्षिणी में इंटरनेट सुविधा उपलब्ध होने से आम ग्रामीणों को सभी सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है. प्रज्ञा केंद्र के जरिये लोगों को आधार कार्ड बनवाने, जमीन संबंधित कार्य, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, आवासीय, पेंशन आदि से संंबंधित ऑनलाइन आवेदन जमा करने में सुविधा हो रही है. तीन महीने पूर्व सरकार द्वारा उक्त पंचायतों में भारत नेट की सुविधा उपलब्ध करायी गयी थी. हालांकि, अब भी बचरा दक्षिणी, बहेरा व कल्याणपुर सचिवालय इंटरनेट की सुविधा से महरूम है.
सिल्ली : इंटरनेट कनेक्शन है, पर लाभ कुछ पंचायतों को
सिल्ली प्रखंड मुख्यालय समेत यहां की सभी पंचायतों में बीबीएनएल की इंटरनेट की सुविधा पहुंच चुकी है. पर इसका लाभ कुछ ही पंचायतों को मिल रहा है. लुपुंग पंचायत में वाईफाई का उपयोग हो रहा है. महीने भर पहले इस पंचायत भवन में आधार सुधार केंद्र भी खुल गया है. वहीं, बांसारूली पंचायत भवन में लगे वाइफाई के बंदरों ने तोड़ दिये हैं. यहां का प्रज्ञा केंद्र भी मुरी पूर्वी पंचायत क्षेत्र के बाजार में चलता है. पिस्का पंचायत के मुखिया लालू उरांव ने बताया कि भवन में भी वाईफाई के कनेक्शन तो है, लेकिन इसका कोई भी अब तक उपयोग नहीं हो रहा है.