वेटनरी प्रैक्टिशनर के परिवार को मनरेगा मजदूर बता पैसे निकाले

मनरेगा में जालसाजी करनेवाले गिरोह ने वेटनरी प्रैक्टिशनर दीपू कुमार वर्णवाल के पूरे परिवार को मनरेगा मजदूर बता कर पैसों की निकासी कर ली है. जालसाजों ने पहले वेटनरी प्रैक्टिशनर व उनकी पत्नी,मां और भाई के नाम पर मनरेगा का जॉब कार्ड बनाया. इसके बाद कई योजनाओं में उन्हें मजदूरी करते हुए दिखा पैसों की निकासी कर ली. मनरेगा में गड़बड़ी का यह मामला गिरिडीह जिले के सरिया प्रखंड का है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 27, 2020 4:55 AM

रांची : मनरेगा में जालसाजी करनेवाले गिरोह ने वेटनरी प्रैक्टिशनर दीपू कुमार वर्णवाल के पूरे परिवार को मनरेगा मजदूर बता कर पैसों की निकासी कर ली है. जालसाजों ने पहले वेटनरी प्रैक्टिशनर व उनकी पत्नी,मां और भाई के नाम पर मनरेगा का जॉब कार्ड बनाया. इसके बाद कई योजनाओं में उन्हें मजदूरी करते हुए दिखा पैसों की निकासी कर ली. मनरेगा में गड़बड़ी का यह मामला गिरिडीह जिले के सरिया प्रखंड का है. जानकारी के अनुसार, वर्ष 2009-10 में दीपू ने आर्थिक कारणों से मां शांति देवी, पत्नी रेखा देवी, छोटे भाई सोमेंद्र मोदी के नाम पर मनरेगा जॉब कार्ड के लिए आवेदन दिया था.

उस वक्त उनके छोटे भाई की उम्र 18 साल से कम थी. इसलिए जॉब कार्ड नहीं बना. कुछ दिन पहले उन्हें इस बात की जानकारी मिली कि उनके पूरे परिवार के नाम पर जॉब कार्ड (जेएच-19-001-042-003/352) बना कर वर्ष 2012 से ही राशि की निकासी की जा रही है. दस्तावेज में दीपू के पूरे परिवार को मार्च 2019 तक मनरेगा की विभिन्न योजनाओं में काम देने का ब्योरा दर्ज है. जॉब कार्ड में पूरे परिवार के नाम बैंक ऑफ इंडिया में खाता होने का भी उल्लेख किया गया है. पहली बार सिंचाई कूप में दिया गया काममनरेगा से जुड़े दस्तावेज के अनुसार इस परिवार को पहली बार 18 अप्रैल 2012 से 23 अप्रैल 2012 तक जगदीश मंडल के सिंचाई कूप में काम दिया गया था.

वर्ष 2016 में 30 मई से पांच जून तक सावित्री देवी की जमीन पर डोभा निर्माण में काम देने का उल्लेख किया गया है. इस परिवार को 25 फरवरी 2019 से तीन मार्च 2019 तक दामोदर पासवान के यहां वर्मी कम्पोस्ट बनाने का काम करते हुए दिखाया गया.मनरेगा में काम नहीं कियावेटनरी प्रैक्टिशनर दीपू कुमार वर्णवाल ने कहा कि उन्होंने ने 2009-10 में जॉब कार्ड के लिए आवेदन दिया था. छोटे भाई सोमेंद्र की उम्र कम होने की वजह से कार्ड नहीं बना. इसी बीच मेहनत कर वेटनरी में डिप्लोमा की डिग्री हासिल की. फिलहाल वेटनरी प्रैक्टिशनर के रूप में काम कर रहा हूं. छोटा भाई ग्रेजुएशन के बाद सिविल सर्विस की तैयारी कर रहा है.

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