झारखंड में नक्शा स्वीकृति में हुई वसूली की होगी जांच, किया गया कमेटी का गठन
राज्य के सभी निकायों में भवन प्लान स्वीकृति में हुई अनियमितताओं और अवैध वसूली को लेकर जांच किया जाएगा. इसके लिए नगर विकास विभाग ने जांच कमेटी का गठन किया है. रांची नगर निगम और आरआरडीए के पूर्व टाउन प्लानर गजानंद राम जांच करेंगे.
Jharkhand News: रांची नगर निगम और आरआरडीए के पूर्व टाउन प्लानर गजानंद राम राज्य के सभी निकायों में भवन प्लान स्वीकृति में हुई अनियमितताओं और अवैध वसूली की जांच करेंगे. 29 नवंबर को प्रभात खबर में प्रकाशित संबंधित खबर पर नगर विकास विभाग ने जांच कमेटी का गठन किया है. विभाग के अपर सचिव कांत किशोर मिश्र को कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है.
वहीं, नगर निवेशन संगठन के नगर निवेशक गजानंद राम और कार्यपालक अभियंता रमेंद्र कुमार को जांच कमेटी का सदस्य बनाया गया है. नगर विकास विभाग ने इससे संबंधित कार्यालय आदेश जारी किया है. साथ ही इसे लेकर विशेष दिशा-निर्देश दिये गये हैं. विभागीय सचिव विनय कुमार चौबे ने मामले की जांच कर यथाशीघ्र रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है. जिससे इस मामले में आगे की कार्रवाई की जा सके.
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नक्शा विचलन मामले में 11 साल बाद आरोप गठन
नक्शा विचलन से जुड़े मामले में 11 वर्ष बाद सीबीआइ की विशेष अदालत में 17 दिसंबर को आरोप गठन किया जायेगा. आरोप गठन के बिंदु पर शुक्रवार को सुनवाई के लिए तारीख निर्धारित थी, लेकिन फिर समय ले लिया गया. अदालत ने अगली तारीख 17 दिसंबर निर्धारित की है. मामले में आरोपियों को सीबीआइ गत 11 मई को पुलिस पेपर सौंप चुकी है. मामले में बूटी रोड स्थित जगन्नाथ लाइफकेयर अस्पताल के निदेशक डॉ सुधीर कुमार, रानी अस्पताल के संचालक डॉ राजेश कुमार और आरआरडीए के अधिकारी समेत नौ लोग ट्रायल फेस कर रहे हैं. झारखंड हाइकोर्ट के निर्देश पर सीबीआइ ने प्राथमिकी दर्ज की थी. सीबीआइ ने जनवरी 2013 में अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें नक्शा विचलन करने का आरोप सही पाया गया है. सीबीआइ ने पाया कि नियमों का बड़े पैमाने पर उल्लंघन किया गया है. इसमें आरआरडीए के अधिकारियों ने पद का दुरुपयोग कर नक्शा विचलन किया.