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गोपालजी तिवारी प्रकरण में जांच शुरू, बयान दर्ज

निगरानी (एसीबी) ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ओएसडी रह चुके गोपालजी तिवारी के मामले में जांच शुरू कर दी है.

रांची : निगरानी (एसीबी) ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ओएसडी रह चुके गोपालजी तिवारी के मामले में जांच शुरू कर दी है. इस मामले में निगरानी के अधिकारियों ने बुधवार को शिकायतकर्ता व हाइकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार का बयान दर्ज किया. उन्होंने अपने बयान में कुछ नयी जानकारी भी दी. कहा कि सीएम के ओएसडी रह चुके गोपालजी तिवारी ने अपने पद का दुरुपयोग कर पैसे कमाये और उसे निवेश किया.

श्री तिवारी कुछ साल पहले तत्कालीन मंत्री सुदेश महतो के सरकारी आप्त सचिव के रूप में काम कर चुके हैं. इस दौरान भी उन्होंने काफी पैसे कमाये. उन्होंने इस पैसे का इस्तेमाल संपत्ति अर्जित करने में किया.

बेटों के नाम से जमीन व फ्लैट खरीदी : किंग्सली डेवलपर कंपनी में उनका बेटा निलभ पार्टनर है. इस कंपनी ने 9.05 करोड़ रुपये की लागत से मोरहाबादी में जमीन खरीदी है. संपत्ति खरीद से जुड़े दस्तावेज में गोपालजी तिवारी ने अपना पूरा नाम लिखने के बदले जी तिवारी लिखा है.

इलिका इंफ्रास्ट्रक्चर नामक कंपनी में आलोक अड़ुकिया के साथ गोपाल जी का बेटा पार्टनर है. इस कंपनी ने भी 35 करोड़ रुपये में एक प्लॉट खरीदी है. गोपाल जी के बेटे के नाम पर गुरुग्राम के शोभा इंटरनेशनल में 12.5 करोड़ रुपये में एक फ्लैट खरीदा गया है.

करीबियों के नाम पर निवेश : गोपालजी तिवारी ने रांची के न्यू पुंदाग के शालीमार बाग में अपने करीबी लोगों के नाम पर करोड़ों का निवेश किया है. वैभव ब्रॉड कास्ट प्राइवेट लिमिटेड से भी उनका करीबी संबंध है. इस कंपनी ने मेसर्स शाइन सिटी इंटरप्राइजेज से एक चैनल खरीदा है. शाइन सिटी नामक यह कंपनी 700 करोड़ रुपये की गड़बड़ी के मामले में सीबीआइ और इडी जांच का सामना कर रही है.

Post by : Pritish Sahay

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