प्रभात खबर संवाद में बोले रोबिन, कुशाग्र और सुशांत- IPL तो पड़ाव है, लक्ष्य देश के लिए खेलना
रणजी ट्रॉफी में दोहरा शतक जड़ कर लाइमलाइट में आनेवाले विकेटकीपर बल्लेबाज कुमार कुशाग्र ने बताया कि क्रिकेटर्स का जीवन काफी संघर्षपूण होता है. इसमें परिवार और कोच का योगदान सबसे अहम है.
रांची : इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) 2024 के लिए झारखंड के तीन युवा क्रिकेटरों का चयन गुजरात टाइटंस और दिल्ली कैपिटल्स के लिए हुआ है. इनमें तेज गेंदबाज सुशांत मिश्रा व विकेटकीपर बल्लेबाज रोबिन मिंज आइपीएल के अगले सत्र में गुजरात टाइटंस के लिए, जबकि विकेटकीपर बल्लेबाज कुमार कुशाग्र दिल्ली कैपिटल्स के लिए खेलते दिखेंगे. तीनों मंगलवार को कोकर स्थित ‘प्रभात खबर’ के कार्यालय पहुंचे और उन्होंने क्रिकेट के शुरुआती दिनों से लेकर आइपीएल में चयन तक के अपने अनुभव साझा किये. उन्होंने बताया कि कैसे उनके माता-पिता और परिवार के सदस्यों ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए संघर्ष किया. तीनों ने बताया कि आइपीएल तो एक प्लेटफॉर्म है. उनका लक्ष्य देश के लिए खेलना और वर्ल्ड कप जीतना है.
परिवार का मिला भरपूर सहयोग- कुमार कुशाग्र
रणजी ट्रॉफी में दोहरा शतक जड़ कर लाइमलाइट में आनेवाले विकेटकीपर बल्लेबाज कुमार कुशाग्र ने बताया कि क्रिकेटर्स का जीवन काफी संघर्षपूण होता है. इसमें परिवार और कोच का योगदान सबसे अहम है. उन्होंने बताया कि उनके पिता ने बॉब वुल्मर की किताबें पढ़ कर उन्हें (कुशाग्र को) क्रिकेट की बारीकियां सिखायीं. माता-पिता और बहनों के सहयोग और खुद की मेहनत के दम पर ही आज वह इस मुकाम तक पहुंचे हैं. उन्होंने कहा : आगे टीम इंडिया के लिए खेलना और टीम को लीड करना मेरा सपना है.
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वनडे विश्व कप जीतना चाहते हैं सुशांत मिश्रा
बायें हाथ के तेज गेंदबाज सुशांत मिश्रा भारत की ओर से 2020 में अंडर-19 विश्व कप खेल चुके हैं. अब वह आइपीएल में बेहतर प्रदर्शन कर भारतीय टीम में जगह बनाना और वनडे विश्व कप जीतना चाहते हैं. सुशांत कहते हैं कि वनडे विश्व कप या आइसीसी की चैंपियंस ट्रॉफी जीतना उनका लक्ष्य है. सुशांत ने बताया कि बचपन में टेनिस बॉल क्रिकेट खेलना शुरू किया. इसके बाद कोचिंग में क्रिकेट के गुर सीखे. कोच ने मेरी बैटिंग-बॉलिंग देखी. फिर गेंदबाजी पर फोकस करने को कहा.
कुछ अलग करने की चाहत में रोबिन मिंज ने क्रिकेट को चुना
विकेटकीपर बल्लेबाज रोबिन मिंज झारखंड ही नहीं, संभवत: देश के पहले आदिवासी क्रिकेटर हैं, जिनका चयन आइपीएल जैसे टूर्नामेंट के लिए हुआ है. लोकल क्रिकेट में लंबे-लंबे छक्के जड़नेवाले रोबिन झारखंड के ‘क्रिस गेल’ के नाम से मशहूर हैं. रोबिन से जब पूछा गया कि झारखंड के आदिवासियों में हॉकी और फुटबॉल का अधिक क्रेज है. ऐसे में उन्होंने क्रिकेट क्यों चुना? रोबिन ने बताया कि मैं कुछ अलग करना चाहता था, इसलिए मैंने क्रिकेट चुना. आइपीएल में 3.6 करोड़ रुपये में बिकनेवाले रोबिन ने बताया कि नीलामी वाले दिन काफी टेंशन में थे. सोच रहा था कि बेस प्राइस 20 लाख में ही कोई टीम खरीद ले. टेंशन के कारण टीवी देखना छोड़ घूमने निकल गया. आइपीएल से मुझे एक पड़ाव मिल गया है, लक्ष्य तो देश के लिए खेलना है.
धौनी-ईशान के आगे तो हमलोग बहुत छोटे हैं
तीनों क्रिकेटरों से पूछा गया कि महेंद्र सिंह धौनी और ईशान किशन के आगे खुद को कहां पाते हैं. इस पर तीनों ने बताया कि अभी तो हमारी शुरुआत है. उनके सामने तो हमलोग बहुत छोटे हैं. वैसे भी अब कोई दूसरा धौनी बन पाना मुश्किल है. माही भैया ने जो मुकाम हासिल किया है, उसके आसपास भी अगर हम पहुंच जायें, तो बड़ी बात होगी. ईशान भैया भी जब हमारे साथ रणजी टीम में होते हैं, तो हमें टिप्स देते रहते हैं.