IRCTC/ Indian Railway Latest Updates : धनबाद-चंद्रपुरा वाया कतरास ट्रैक पर ट्रेन चलाना खतरनाक
झारखंड हाइकोर्ट ने शुक्रवार को धनबाद-चंद्रपुरा वाया कतरास ट्रैक पर ट्रेन चलाने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने सभी पक्षों को सुनने के बाद याचिका को खारिज कर दिया.
धनबाद /रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने शुक्रवार को धनबाद-चंद्रपुरा वाया कतरास ट्रैक पर ट्रेन चलाने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने सभी पक्षों को सुनने के बाद याचिका को खारिज कर दिया. खंडपीठ ने रेलवे के जवाब को देखते हुए कहा कि ट्रैक के नीचे आग लगी हुई है. ट्रेन का परिचालन डेंजरस है.
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यह खान सुरक्षा महानिदेशक (डीजीएमएस) की रिपोर्ट में बताया गया है. इसलिए उक्त ट्रैक पर ट्रेन चलाना खतरनाक हो सकता है. कोर्ट इस पर आदेश नहीं दे सकता है. निर्णय लेना रेलवे का काम है. ऐसा लगता है कि प्रार्थी ने बिना अध्ययन किये ही याचिका दायर कर दी है.
इससे पूर्व प्रार्थी ने धनबाद-चंद्रपुरा वाया कतरास के 34 किमी ट्रैक पर ट्रेन चलाने का आग्रह किया. रेलवे की ओर से बताया गया कि डीजीएमएस ने जांच कर रिपोर्ट दी है. इसमें कहा गया है कि ट्रैक के नीचे आग लगी हुई है. ट्रेन चलाना खतरनाक है. इसके बाद परिचालन को बंद कर दिया गया.
मिली है सशर्त मंजूरी : 20 महीने बाद ट्रेनों के परिचालन को इन शर्तों पर मिली थी-यात्री गाड़ियों के लिए अधिकतम रफ्तार 65 किमी प्रति घंटा, मालगाड़ियों के लिए अधिकतम रफ्तार 50 किमी प्रति घंटा होगी. इसके साथ ही धनबाद रेल मंडल इस लाइन पर निगरनी रखने के लिए अलग से एक विशेषज्ञ रखेगा.
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कोर्ट इस पर आदेश नहीं दे सकता, निर्णय लेना रेलवे का काम है जनहित याचिका खारिज
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जून 2017 से 20 महीने तक बंद था ट्रेनों का परिचालन
34 किमी लंबे धनबाद-चंद्रपुरा रेल मार्ग पर 15 जून 2017 से ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह बंद कर दिया गया था. कोयला खनन के कारण भूमिगत आग के रेल पटरियों तक आ जाने और हादसे की आशंका के मद्देनजर यह फैसला किया गया था. डीजीएमएस ने इस संबंध में रिपोर्ट दी थी. नतीजतन इस रूट पर चलने वाली 26 जोड़ी ट्रेनों को या तो बंद कर दिया गया था या उसे गोमो होकर डायवर्ट कर दिया गया था.
डीसी लाइन बंद करने के विरोध में लंबे समय तक आंदोलन हुआ. अंतत: जनदबाव में कोई 20 महीने बाद 24 फरवरी 2019 से इस मार्ग पर अधिकतर ट्रेनों का परिचालन फिर से शुरू कर दिया गया. इससे पहले चीफ कमिश्नर फॉर रेल सेफ्टी (सीसीआरएस) शैलेश कुमार पाठक ने 31 जनवरी 2019 को इस रूट पर परिचालन शुरू करने के लिए एनओसी दिया था.
Post by : Pritish Sahay