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IRCTC/ Indian Railway News : रांची रेल मंडल के ओरगा सेक्शन की पटरियों पर ओएमआरएस लगाने की तैयारी, चलती ट्रेन में आयी खराबी को पकड़ेगा, ऐसे काम करेगा ये

मंडल के रेल अधिकारी ने बताया कि ओएमआरएस प्रणाली की मदद से चलती ट्रेनों के पहिये, बैरिंग, एक्सेल और इंजन में आयी खराबी का आसानी से पता लगाया जा सकता है. इससे रेल की पटरियों के टूटने और रेलगाड़ियों के पटरी से उतरने की घटनाएं कम की जा सकती हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | June 26, 2021 8:44 AM

OMRS In Railway रांची : देश के हर रेल मंडल में रेलवे की ओर से ऑनलाइन मॉनिटरिंग ऑफ रोलिंग स्टॉक (ओएमआरएस) सिस्टम लगाया जा रहा है. यह सिस्टम यात्री ट्रेनों और मालगाड़ियों का सुरक्षित परिचालन सुनिश्चित करता है. महाराष्ट्र में इसके अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं. इसे देखते हुए जल्द ही रांची रेल मंडल के ओरगा सेक्शन की पटरियों पर भी ओएमआरएस लगाने की तैयारी की जा रही है. ओएमआरएस लगाने के उद्देश्य से रांची रेल मंडल के अधिकारियों ने आेरगा सेक्शन का निरीक्षण कर इसकी रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को भेज दी है. बोर्ड से स्वीकृति भी मिल गयी है.

मंडल के रेल अधिकारी ने बताया कि ओएमआरएस प्रणाली की मदद से चलती ट्रेनों के पहिये, बैरिंग, एक्सेल और इंजन में आयी खराबी का आसानी से पता लगाया जा सकता है. इससे रेल की पटरियों के टूटने और रेलगाड़ियों के पटरी से उतरने की घटनाएं कम की जा सकती हैं.

ऐसे काम करेगा ओएमआरएस :

ऑनलाइन मॉनिटरिंग ऑफ रोलिंग स्टॉक सिस्टम (ओएमआरएस) एक अत्याधुनिक तकनीक है. यह माइक्रोफोन और सेंसर युक्त हाइ रेजोल्यूशन वाले कैमरे की एक प्रणाली है, जिसे पटरियों पर लगाया जायेगा. यह पटरियों पर कोच और इंजन से पैदा होनेवाले शोर को रिकॉर्ड करता है. साथ ही चलती ट्रेन की फुटेज स्क्रीन शॉट के रूप में इकट्ठा करता है.

कैमरे में नाइट विजन लगा है, जिसकी मदद से रात में या खराब मौसम में भी आसानी से ट्रेन के अंदरूनी हिस्से की तस्वीर ली जा सकेगी. इसके अलावा यह पहियों और एक्सेल के तापमान की जांच करेगा. अगर घर्षण से ताप ज्यादा हो रहा है, तो ट्रेन के डिरेल होने का खतरा होता है.

कोचों के पहियों की स्थिति को यह प्रणाली अपनी रिपोर्ट में पीले, हरे और लाल रंग में प्रदर्शित करेगा. हरा रंग बतायेगा कि पहिये सुरक्षित हैं, पीला रंग बतायेगा कि पहियों को मेंटेनेंस की जरूरत है और लाल रंग पहियों के खराब होने की जानकारी देगा. ओएमआरएस में रिकॉर्ड की गयी पूरी रिपोर्ट तुरंत ही कंट्रोल रूम तक पहुंच जायेगी, जिसके बाद लोको पायलट को इसकी सूचना दी जायेगी.

मुरी में लगेगा ऑटोमेटिक ट्रेन एग्जामिनेशन सिस्टम

मुरी सेक्शन में ऑटोमेटिक ट्रेन एग्जामिनेशन सिस्टम (एटीइएस) लगाया जायेगा. यह भी ओएमआरएस सिस्टम की तरह ही कार्य करता है. इसके लगने से ट्रेन डिरेल होने से पहले ही पायलट को जानकारी मिल जायेगी. यह सिस्टम चलती ट्रेन को पूरी तरह से स्कैन कर उसकी तकनीकी रिपोर्ट कंट्रोल रूम को भेजेगा. अगर ट्रेन के पहियों का घर्षण ज्यादा है, ब्रेक या वैक्यूम प्रेशर सहित इंजन या कोच में किसी तरह की गड़बड़ी है, तो इसकी जानकारी ट्रेन के पायलट को दी जायेगी. इससे समय रहते किसी भी तरह की अनहोनी रोकी जा सकती है.

रांची रेल मंडल में ओएमआरएस और एटीइएस सिस्टम लगाया जायेगा. इसके लिए रेलवे बोर्ड की ओर से दो सिस्टम दिये जायेंगे. कार्य प्रगति पर है. इस प्रणाली को लगाने से ट्रेन दुर्घटना में कमी आयेगी.

– नीरज कुमार, सीपीआरओ

Posted By : Sameer Oraon

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