अवैध खनन मामले में साहिबगंज के उपायुक्त रामनिवास यादव और विधायक कैश कांड मामले में कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी से इडी के अधिकारियों ने पूछताछ की. सोमवार को दोनों रांची स्थित इडी के क्षेत्रीय कार्यालय में हाजिर हुए. पूछताछ के क्रम में उपायुक्त रामनिवास यादव ने स्टीमर दुर्घटना के मामले में दाहू यादव को अभियुक्त नहीं बनाने का आरोप एसपी पर मढ़ दिया.
हालांकि, जब उनसे पंकज मिश्रा से 250 बार फोन पर हुई बातचीत से जुड़े सवाल पूछे गये, तो वह उलझ गये. वहीं, दूसरी ओर विधायक कैश कांड मामले में जब विधायक इरफान अंसारी से पैसों को स्रोत पूछा गया, तो वह बताने में असमर्थ रहे. साथ ही खुद को निर्दोष बताने की कोशिश करते रहे. इडी ने पूछताछ के बाद उपायुक्त को शाम 5:00 बजे छोड़ दिया, जबकि विधायक इरफान अंसारी से रात 9:15 बजे तक पूछताछ हुई.
साहिबगंज के उपायुक्त रामनिवास यादव पहली बार 23 जनवरी को पूछताछ के लिए हाजिर हुए थे. पूछताछ के पहले दिन उन्हें स्टीमर दुर्घटना के सिलसिले में अपनी ही रिपोर्ट के तथ्य याद नहीं आ रहे थे. उन्होंने फाइलें देख कर बाद में जानकारी देने के लिए समय मांगा था.
उनकी मांग को स्वीकार करते हुए इडी ने उन्हें छह फरवरी को हाजिर होने का निर्देश दिया था. वे सोमवार सुबह 11:11 बजे इडी के रांची स्थित कार्यालय पहुंचे. पूछताछ के दौरान उन्होंने स्टीमर दुर्घटना के सिलसिले में पूछे गये सवालों के जवाब दिये. अपना बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि दुर्घटना की जांच उन्होंने खुद नहीं की थी. परंपरा के अनुसार, नीचे के अधिकारी को जांच का निर्देश दिया गया था.
निचले स्तर जो रिपोर्ट मिली थी, उन्होंने उसे ही प्रमंडलीय आयुक्त के पास भेज दिया था. इडी ने स्टीमर दुर्घटना की अपने स्तर से जांच के बाद साहिबगंज के उपायुक्त को यह जानकारी दी थी कि दाहू यादव उसे चलवाता था. इसलिए जिला प्रशासन स्टीमर दुर्घटना के सिलसिले में कानूनी कार्रवाई करे. इडी द्वारा दी गयी जानकारी के बाद साहिबगंज जिला प्रशासन ने स्टीमर दुर्घटना के सिलसिले में प्राथमिकी दर्ज करायी, लेकिन इस प्राथमिकी में दाहू यादव को अभियुक्त नहीं बनाया.
दाहू को अभियुक्त नहीं बनाये जाने से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए यह कहा कि उन्होंने मामले से संबंधित जानकारी जिले के एसपी को दे दी थी. एसपी ने प्राथमिकी में दाहू यादव को अभियुक्त क्यों नहीं बनाया? यह तो वही बता सकते हैं. दुर्घटना व अन्य मामलों से संबंधित सरकारी दस्तावेज पंकज मिश्रा को कैसे मिले? इससे जुड़े सवालों के जवाब में उन्हें दस्तावेज लीक करने कि लिए कार्यालय के कर्मचारियों को जिम्मेवार ठहराया.
पंकज मिश्रा के जेल जाने से पहले की अवधि में उनसे 250 बार फोन पर बात हुई थी. इडी द्वारा इतनी बार बातचीत करने और बातचीत के मुद्दों से जुड़े सवाल पूछे गये, तो उपायुक्त बुरी तरह उलझ गये. बाद में कहा, वह विधायक प्रतिनिधि हैं, इसीलिए बात करता था.
विधायक कैश कांड में पूछताछ के लिए विधायक इरफान अंसारी सोमवार दिन के 11:00 बजे इडी के रांची स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में पहुंचे. यहां इडी के अधिकारियों ने सबसे पहले उनसे उनके व्यक्तिगत मामलों से जुड़े सवाल पूछे. विधायक से उनकी आमदनी, पारिवारिक सदस्यों और उनकी संपत्ति की जानकारी ली गयी.
इसके बाद उनसे गुवाहाटी जाने का कारण पूछा गया. कोलकाता पुलिस द्वारा 49 लाख रुपये के साथ पकड़े जाने की वजह जानना चाहा. इसके बाद इडी ने पैसों को स्रोत से जुड़े सवाल पूछे. सूत्रों के अनुसार, इरफान अंसारी पैसों का सही स्रोत बताने में असमर्थ रहे. इससे पहले इडी कार्यालय जाते समय इरफान ने कहा : वह िनर्दोष हैं. एक साजिश के तहत उन्हें फंसाया जा रहा है.