रांची. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग कचरा वाहन खरीदने में हुई अनियमितता की जांच करायेगा. स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) चरण-दो के अंतर्गत पिछली सरकार में पंचायतों से कचरा उठाने के लिए वाहनों की खरीदारी की गयी थी. विभागीय मंत्री योगेंद्र प्रसाद को कचरा वाहनों की खरीदारी में अनियमितता की शिकायत मिली थी. शिकायत के आलोक में मंत्री ने मामले की जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है.
उड़नदस्ता से जांच कराने का आदेश
पेयजल एवं स्वच्छता निदेशक ने प्रभारी मुख्य अभियंता समेत अन्य अभियंताओं को पत्र लिख कर मामले की जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा है. विभाग के उड़नदस्ता में शामिल सभी पदाधिकारियों व सदस्यों को गढ़वा एवं पलामू में कचरा उठाव वाहन खरीदने में हुई अनियमितता की रिपोर्ट अनिवार्य रूप से देने का निर्देश दिया गया है.ग्राम व प्रमंडल स्तर पर कचरा उठाव वाहन की हुई है खरीदारी
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) चरण-दो के अंतर्गत ग्राम स्तर पर ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन का कार्य किया जाना है. इसके लिए ग्राम व प्रमंडल स्तर पर डोर टू डोर कचरा उठाव के लिए वाहनों की खरीदारी की गयी है. इस कार्य के लिए हर पंचायत को औसतन 20 लाख रुपये उपलब्ध कराये गये थे.पंचायत भवनों में पड़े हैं वाहन
ग्रामीण क्षेत्रों में कचरा उठाने के लिए खरीदे गये वाहनों को इस्तेमाल में नहीं लाया जा रहा है. अपवादों को छोड़ कर ज्यादातर पंचायतों में कचरा वाहन पंचायत भवनों में ही खड़े हैं. स्वच्छ भारत मिशन के तहत ठोस कचरा प्रबंधन के लिए प्लांट का निर्माण भी किया जाना है. लेकिन, झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में कचरा प्रबंधन पर विशेष ध्यान नहीं दिया जा सका है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है