रांची़ काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआइएससीइ) ने रविवार को इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट (आइएससी) यानी 12वीं का रिजल्ट घोषित किया़ इस परीक्षा में राजधानी के आठ आइसीएसइ स्कूलों के करीब 976 विद्यार्थी शामिल हुए थे. इनमें 98% विद्यार्थी सफल रहे. साइंस के सिटी टॉप-5 में सात विद्यार्थियों ने जगह बनायी है. इनमें चार छात्राएं और तीन छात्र शामिल हैं. वहीं, कॉमर्स टॉप-5 में पांच विद्यार्थी शामिल हैं. इनमें तीन छात्राएं और दो छात्र हैं.
12वीं में 94.25 प्रतिशत अंक प्राप्त कर आशुतोष मिश्रा साइंस में संत जेवियर्स स्कूल के टॉपर बने हैं. आशुतोष ने बताया कि बेहतर अंक की उम्मीद थी, लेकिन स्कूल टॉपर के बारे में नहीं सोचा था. उनका लक्ष्य साॅफ्टवेयर इंजीनियर बनना है़ पिता रघुनंदन मिश्रा सीआइडी में हैं और मां साधना मिश्रा गृहिणी हैं. आशुतोष ने बताया कि सफलता के लिए बेसिक और फार्मूला जरूरी है़ पढ़ाई के लिए कभी समय का निर्धारण नहीं किया.
रांची. आइएससी कॉमर्स में एलएफएस जमशेदपुर के दिव्यांश मिश्रा ने 99.5 प्रतिशत अंक हासिल किया है़ वह नेशनल सेकेंड टॉपर बने हैं़ बारीडीह विजया गार्डन में रहनेवाले व टीवीएस कंपनी के एजीएम (नॉर्थ) कुमार हर्षवर्धन व गृहिणी शिप्रा मिश्रा के पुत्र दिव्यांश ने बताया कि उन्हें उम्मीद से भी अधिक अंक मिला है. राष्ट्रीय टॉपर की सूची में शामिल होकर काफी खुश हैं.
उन्होंने परीक्षा की तैयारी के संबंध में बताया कि पढ़ाई या परीक्षा को लेकर कभी तनाव लिया, बल्कि उसे इंज्वाय किया. दिव्यांश राइडिंग के शौकीन हैं. बाइक व कार चलाना, परिवार के साथ लांग ड्राइव पर जाना बेहद पसंद है़ परीक्षा के दौरान अपने शौक को कम नहीं किया, लेकिन पढ़ाई से समझौता भी नहीं किया. दिव्यांश ने बताया कि पापा हमेशा कहते हैं कि मार्क्स कितना आयेगा, इसकी चिंता कभी मत करना. मेहनत कितनी कर रहे, हो इसका ध्यान रखना.
आइसीएसइ 12वीं बोर्ड के कॉमर्स संकाय में संत जेवियर्स स्कूल के दीपक कुमार स्कूल टॉपर बने हैं. उन्होंने 95.25 प्रतिशत मार्क्स हासिल किया है़ दीपक दिसंबर में कोरोना की चपेट में आ गये थे़ उन्होंने कहा कि रांची में हॉस्टल में रहकर पढ़ाई की़ कोरोना संक्रमित होने के बाद काफी डर गया था़, लेकिन आत्मविश्वास के दम पर कोरोना को हराया और फिर पहले की तरह ही तैयारी जुट गया.
दीपक ने कहा है कि परीक्षा में अच्छे अंक आने की उम्मीद थी, लेकिन टॉपर के बारे में नहीं सोचा था़ वह अभी से ही चार्टर्ड अकाउंटेंट की तैयारी में जुट गये हैं. दीपक के पिता राजेंद्र यादव कोडरमा में सीए हैं और माता रेखा देवी गृहिणी हैं. उन्होंने सफलता का श्रेय माता-पिता व शिक्षकों को दिया है.