हेमंत की कमी पूरी करना मेरी नैतिक जिम्मेवारी : कल्पना
गांडेय से विधानसभा उपचुनाव की झामुमो प्रत्याशी कल्पना सोरेन ने कहा है कि 31 जनवरी (जब हेमंत सोरेन को इडी ने गिरफ्तार किया था) के बाद स्थिति काफी बदल गयी. उसके बाद हमारी पार्टी के सभी कार्यकर्ता और नेता इस बात को लेकर तनाव में थे कि आगे क्या होगा.
गांडेय से विधानसभा उपचुनाव की झामुमो प्रत्याशी कल्पना सोरेन ने कहा है कि 31 जनवरी (जब हेमंत सोरेन को इडी ने गिरफ्तार किया था) के बाद स्थिति काफी बदल गयी. उसके बाद हमारी पार्टी के सभी कार्यकर्ता और नेता इस बात को लेकर तनाव में थे कि आगे क्या होगा. कार्यकर्ताओं ने मुझसे आगे आने का आग्रह किया. अपने नेता के प्रति उनका प्यार देख कर मैंने सोचा कि जब तक हेमंत जी वापस नहीं आ जाते, तब तक अपनी ओर से इस कमी को पूरा करना मेरी नैतिक जिम्मेदारी है. और मैं राजनीति में आयी. कल्पना ने गिरिडीह में मीडिया से बात करते हुए ये बातें कही. कल्पना ने कहा कि मैं हेमंत सोरेन से जेल में सप्ताह में एक बार मिलती हूं, लेकिन वह एक मुलाकात मनोबल बढ़ाने और ताकत देने के लिए पर्याप्त है. यह चुनाव एक लड़ाई है. एक प्रतियोगिता है, जिसमें हमें झारखंड को विकास की राह पर आगे ले जाना है. भाजपा द्वारा कल्पना सोरेन पर सरकार चलाने का आरोप लगाया गया है, इस पर उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि बीजेपी ने झूठ फैलाने का ठेका ले लिया है. ये जुमलेबाज सरकार सिर्फ झूठ बोलना जानती है. जब वे 2014 में चुनाव जीते, तो उन्होंने इतने बड़े-बड़े वादे किये, लेकिन वे सब भूल गये और झारखंड के बारे में सोचने की जहमत नहीं उठायी. जो लोग इतने झूठ और जुमले बोलते हैं, लोगों को उन पर विश्वास नहीं करना चाहिए.
संवैधानिक संस्थाएं भाजपा शासित राज्यों में क्यों नहीं :
श्रीमती सोरेन ने कहा कि मैं कहूंगी कि जिस तरह से सभी संवैधानिक संस्थाएं आज चल रही हैं. वे केवल उन राज्यों में ही क्यों काम करती हैं, जो भाजपा शासित नहीं है? अगर वे बीजेपी शासित राज्यों में कोई कार्रवाई करते हैं, तो उसे जल्द ही रोक दिया जाता है. उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन के मामले में कोई सबूत नहीं है, कोई तथ्य नहीं है, यह पूरी तरह से साजिश का हिस्सा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है