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जबलपुर हाइकोर्ट ने कोयलाकर्मियों का वेतन समझौता किया रद्द, दिया ये आदेश

वेतन समझौता होने के बाद करीब तीन दर्जन अधिकारियों ने जबलपुर हाइकोर्ट में मामला दर्ज कराया गया था. इसमें कहा था कि वेतन समझौते से कर्मचारियों का वेतन अधिकारियों से अधिक हो गया है

कोल इंडिया के कर्मियों के नये वेतन समझौते (एनसीडब्लयूए-11) के संदर्भ में 22 जून 2023 को निकाले गये आदेश को जबलपुर हाइकोर्ट ने रद्द कर दिया है. जबलपुर हाइकोर्ट ने डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेज (डीपीइ) को इससे संबंधित मामले की सुनवाई का आदेश दिया है. कहा है कि 60 दिनों के अंदर सभी पक्षों को सुनने के बाद निर्णय लें. अगर लगता है कि इसमें कोई विसंगति नहीं हुई, तो कोयला मंत्रालय वेतन समझौते से संबंधित आदेश जारी कर सकता है.

वेतन समझौता होने के बाद करीब तीन दर्जन अधिकारियों ने जबलपुर हाइकोर्ट में मामला दर्ज कराया गया था. इसमें कहा था कि वेतन समझौते से कर्मचारियों का वेतन अधिकारियों से अधिक हो गया है. यह कैबिनेट द्वारा पारित डीपीइ की गाइड लाइन का उल्लंघन है. कोल इंडिया से अधिकारियों की याचिका को जबलपुर हाइकोर्ट ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है. मालूम हो कि कोल इंडिया के करीब पौने तीन लाख कर्मचारियों का वेतन समझौता लागू हो गया है.

29 अगस्त को कई कोयला अधिकारियों ने दायर की थी याचिका : कोल इंडिया कर्मियों के 11वें वेतन समझौते के बाद 29 अगस्त को कई कोयला अधिकारियों ने एक याचिका दायर की थी. इसमें कहा था कि कर्मचारियों के वेतन समझौते से अधिकारियों को नुकसान हुआ है. ए-1 ग्रेड के कर्मियों का वेतन इ-2 रैंक के अधिकारियों से अधिक हो गया है.

यह अधिकारियों के मौलिक अधिकार का हनन है. भारत सरकार की कैबिनेट ने पूर्व में तय किया था कि अधिकारियों का वेतन कर्मचारियों से कम नहीं होगा. इसके बावजूद कोयलाकर्मियों को वेतन समझौते का लाभ दे दिया गया है. इस पर डीपीइ का अनुमोदन नहीं लिया है. कोयला मंत्रालय ने अपने स्तर से इसे अनुमोदित कर दिया है.

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