JAC 10 th-12th Result 2022: टॉपर्स बेटियों का सपना, किसी को इंजीनियर तो किसी को डॉक्टर है बनना
झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से जारी 10वीं और 12 वीं के रिजल्ट में लड़कियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी है. लड़कियों ने अपने रिजल्ट से यह बता दिया है कि वे लड़कों से किसी मायने में कम नहीं हैं. टॉपर्स लड़कियों का सपना भी आसमान छूने का है.जानिए क्या है टॉपर्स लड़कियों का सपना.....
Jharkhand 10 th-12th Result : झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से जारी 10वीं और 12 वीं के रिजल्ट में लड़कियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी है. लड़कियों ने अपने रिजल्ट से यह बता दिया है कि वे लड़कों से किसी मायने में कम नहीं हैं. टॉपर्स लड़कियों का सपना भी आसमान छूने का है. किसी ने डॉक्टर बनने का तय कर रखा है तो कोई इंजीनियर बनना चाह रही है. जानिए क्या है टॉपर्स लड़कियों का सपना…..
सिटी टॉपर सिमरन कंप्यूटर साइंस में करना चाहती है इंजीनियरिंग
इंटर साइंस की सिटी टॉपर सिमरन नावरीन (96.6%) के पिता जसीम अख्तर कपड़ों की फेरी लगाते हैं. उनकी बेटी का सपना इंजीनियर बनना है. इसके लिए वे वर्षों से पैसे जुटा रहे हैं. मेन रोड स्थित डॉ फतुल्लाह लेन निवासी सिमरन कंप्यूटर साइंस में इंजीनियर बन पिता के सपनों को पूरा करना चाहती है. इसी सपने के साथ 25 जून को जेइइ मेन की परीक्षा में शामिल होगी. उसका लक्ष्य आइआइटी दिल्ली है. सिमरन ने सफलता का श्रेय मां इशरत जहां, पिता और शिक्षकों को दिया है. सिमरन रांची टॉपर बनने के साथ ही स्टेट टॉप-5 में भी अपनी जगह बनायी है. सिमरन को अंग्रेजी में 95, मैथ्स में 100, कंप्यूटर साइंस में 97, केमिस्ट्री में 96 और फिजिक्स में 95 अंक मिले हैं.
डॉक्टर बनने का सपना करना है पूरा
मैट्रिक की सिटी टॉपर छात्रा खुशी कुमारी ने 97.6% अंक हासिल किया है. खुशी को हिंदी में 99, इंग्लिश में 100, मैथ्स में 99, साइंस में 96, सोशल साइंस में 94 अंक मिला है़ बेटी की सफलता पर सबसे ज्यादा खुश पिता प्रमोद कुमार सिंह हैं. रिजल्ट सुन अपना काम छोड़ पिस्का मोड़ विकास नगर स्थित घर पहुंच गये़ पिता की कमाई इतनी है कि किसी तरह घर का खर्च निकल जाता है़ मां पिंकी देवी गृहिणी हैं. खुशी कहती हैं : हम तीनों बहनें साथ में नियमित रूप से पढ़ाई करती हैं. घर में शैक्षणिक माहौल बनने से पढ़ाई के प्रति गंभीरता बनी रही. भविष्य में डॉक्टर बनना सपना है, इसके लिए कठिन परिश्रम करूंगी.
साइंस पढ़ना चाहती हूं ताकि मेडिकल में बनाऊं भविष्य
सब्जी विक्रेता द्वारिका प्रसाद की बेटी मनीषा कुमारी सिटी टॉपर बनी है. पिता ने बेटी के टॉपर बनने की खुशी में अपने ग्राहकों को डिस्काउंट भी दिया. मनीषा ने हिंदी में 98, इंग्लिश में 100, मैथ्स में 99, साइंस में 98 और सोशल साइंस में 93 हासिल किया है. न्यू मधुकम रोड नंबर पांच निवासी मनीषा के सिटी टॉपर बनने की खुशी है. मां सुनीता देवी ने मिठाइयां बांटी. मनीषा ने कहा कि साइंस उनका पसंदीदा विषय है. 11वीं में साइंस (पीसीबी) लेकर पढ़ना चाहती हूं, ताकि, भविष्य में मेडिकल के क्षेत्र में भविष्य बना सकूं. मनीषा ने कहा कि कोरोना काल में उन्होंने डॉक्टर और नर्स की जरूरत को समझा है, इसलिए डॉक्टर न भी बन सकी तो नर्सिंग करूंगी.
स्टेट टॉपर बनूंगी, ऐसा सपने में भी नहीं सोचा था
कार्मेल स्कूल चक्रधरपुर की निशु कुमारी भी मैट्रिक में स्टेट टॉपर बनीं हैं. पिता दिनेश कुमार यादव दूध का कारोबार करते हैं. मां इंदू देवी घर का कामकाज संभालती हैं. निशु ने कहा : मैंने टॉप होने या रैंक हासिल करने के लिए पढ़ाई नहीं की थी, बल्कि यह सोच कर तैयारी करती थी कि कॉपी में कोई गलती या कमी नहीं निकले. लक्ष्य था कि गलत नहीं लिखूं और एक भी प्रश्न छूटे नहीं. इसी लक्ष्य ने मुझे सफल बना दिया है. स्टेट टॉपर बनूंगी, ऐसा सपने में भी नहीं सोचा था. अब पहले से ज्यादा ऊर्जावान महसूस कर रही हूं. अब तो मुझे और अच्छा करना है. पलट कर पीछे देखना ही नहीं है. सिर्फ डॉक्टर या कुछ और बन कर सीमित होना नहीं चाहती. किसी भी एक पद में बंध कर रहना नहीं है. मैं जीना चाहती हूं उस वातावरण में, जहां कोई कैद व बंधन नहीं हो.
बस पढ़ाई करनी है, मंजिल तो खुद ब खुद मिलती है
तानिया शाह स्टेट टॉपर चक्रधरपुर के पोटका ईचिंडासाई में परिवार के साथ रहती है. पिता सतीश शाह चाय और समोसा बेचते हैं. घर के बाहर ही छोटी सी दुकान चलाते हैं. उसी दुकान से तीन बेटियों की परवरिश कर रहे हैं. तानिया की मां नीलू देवी पति की चाय दुकान में सहयोग करती हैं. तानिया बताती हैं कि लॉकडाउन में भी पढ़ाई से कभी जी नहीं चुराया. स्कूल की ऑनलाइन क्लास नहीं छोड़ी. स्कूल में सहेलियों के बीच काफी करीब का मुकाबला होता था. इसलिए कोई मौका गंवाना नहीं चाहती थी. अपनी पढ़ाई को एक चुनौती की तरह स्वीकार किया. बेहतर परिणाम की उम्मीद तो थी, लेकिन राज्य स्तर पर टॉप करूंगी, यह कभी सोची ही नहीं थी.