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JAC 10th Result 2021 : आसान नहीं इस बार झारखंड के इंटर कॉलेजों में नामांकन लेना, बढ़ेगा कट ऑफ मार्क्स

जानकारी के अनुसार, पिछले वर्ष कुल 2.89 लाख पास हुए थे, वहीं इस वर्ष 2.70 लाख विद्यार्थियों ने सिर्फ फर्स्ट डिवीजन हासिल किये हैं. पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 1.20 लाख अधिक विद्यार्थियों को 60 फ़ीसदी से अधिक अंक मिला है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 2, 2021 6:43 AM
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Inter Admission 2021 Jharkhand Board रांची : राज्य में इस वर्ष इंटर में नामांकन के लिए कट ऑफ मार्क्स बढ़ेगा. साथ ही विद्यार्थियों को मनपसंद स्कूल-कॉलेज में एडमिशन ले पाना भी आसान नहीं हो पायेगा. झारखंड गठन के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि राज्य में मैट्रिक पास करनेवाले विद्यार्थियों की संख्या चार लाख से अधिक हो गयी है. अब तक लगभग जितने विद्यार्थी मैट्रिक पास करते थे, इस वर्ष लगभग उतने सिर्फ फर्स्ट डिवीजन से पास हुए हैं.

जानकारी के अनुसार, पिछले वर्ष कुल 2.89 लाख पास हुए थे, वहीं इस वर्ष 2.70 लाख विद्यार्थियों ने सिर्फ फर्स्ट डिवीजन हासिल किये हैं. पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 1.20 लाख अधिक विद्यार्थियों को 60 फ़ीसदी से अधिक अंक मिला है. पिछले 10 वर्षों में देखा जाये, तो इससे पहले वर्ष 2014 में सबसे अधिक 3.60 लाख परीक्षार्थी मैट्रिक की परीक्षा में सफल हुए थे.

इसके बाद से लगातार परीक्षार्थियों की संख्या कम होती जा रही थी.
2020 में 16 फीसदी की हुई थी बढ़ोत्तरी :

ऐसा नहीं है कि राज्य में मैट्रिक रिजल्ट के प्रतिशत में पहली बार बढ़ोतरी हुई है. वर्ष 2020 के रिजल्ट को ही देखा जाये, तो वर्ष 2018 की तुलना में 16 फ़ीसदी अधिक विद्यार्थी परीक्षा में सफल हुए. रिजल्ट में 16 फ़ीसदी की बढ़ोतरी के बाद भी 2020 में मैट्रिक पास करनेवाले विद्यार्थियों की संख्या में मात्र 35 हजार की बढ़ोतरी हुई थी. इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में रिजल्ट में 20 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन पास करनेवाले विद्यार्थियों की संख्या 1.26 लाख अधिक है.

मैट्रिक परीक्षा 2020 में 2.89 परीक्षार्थी सफल हुए थे. पिछले वर्ष जितने परीक्षार्थी मैट्रिक में सफल हुए थे, लगभग उतने परीक्षार्थी इस वर्ष सिर्फ फर्स्ट डिवीजन से परीक्षा पास हुए हैं. इस वर्ष 2.70 लाख परीक्षार्थी फर्स्ट डिवीजन से पास हुए हैं. वहीं वर्ष 2018 की तुलना में देखा जाये, तो वर्ष 2018 में कुल 2.55 लाख विद्यार्थियों की तुलना में इस वर्ष सिर्फ फर्स्ट डिवीजन से पास करनेवाले विद्यार्थियों की संख्या लगभग 15000 अधिक है. इस वर्ष एक लाख से अधिक विद्यार्थियों को मैट्रिक में 75 फ़ीसदी से अधिक अंक मिले हैं.

प्रति वर्ष दो लाख सीटें रह जाती हैं रिक्त

राज्य में इंटरमीडिएट की पढ़ाई चार अलग-अलग स्तरों पर होती है. अंगीभूत कॉलेज में इंटरमीडिएट की 98304 सीटें हैं . वहीं 510 प्लस टू स्कूलों में 195840 सीटें हैं. इसके अलावा राज्य में संबद्धता प्राप्त और इंटर कॉलेजों में भी इंटरमीडिएट की पढ़ाई होती है. इनमें भी लगभग दो लाख सीटें है. इंटरमीडिएट में लगभग पांच लाख सीटें हैं, लेकिन राज्य में मैट्रिक पास करनेवाले विद्यार्थियों की संख्या अब तक लगभग तीन लाख के आसपास रहती थी.

इस कारण प्रति वर्ष दो लाख सीट रिक्त रह जाते थे. राज्य गठन के समय झारखंड में 59 सरकारी प्लस टू विद्यालय थे. आज इनकी संख्या बढ़कर 510 हो गयी है. पिछले 20 वर्षों में 451 सरकारी प्लस टू विद्यालय खोले गये. लेकिन इनमें आशा के अनुरूप विद्यार्थियों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हुई. राज्य के 320 प्लस टू विद्यालय में कॉमर्स संकाय में एक भी विद्यार्थी नहीं है. 79 विद्यालय में विद्यार्थियों की संख्या 100 से कम है. मात्र 245 ऐसे विद्यालय हैं, जिनमें विद्यार्थियों की संख्या 500 से अधिक है.

स्कूल-कॉलेजों में दूर होगी विद्यार्थियों की कमी :

मैट्रिक पास करनेवाले विद्यार्थियों की संख्या में बढ़ोतरी से इस वर्ष स्कूल-कॉलेजों में इंटर स्तर पर विद्यार्थियों की कमी दूर होने की संभावना है. पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 1.26 लाख अधिक परीक्षार्थी परीक्षा में पास हुए हैं. इंटर में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ने से राज्य में उच्च शिक्षा में भी विद्यार्थियों के नामांकन में बढ़ोतरी होगी.

आंकड़ों से समझें : कैसे पहले कम हो रहे थे विद्यार्थी

वर्ष संख्या

2016 317655

2017 314287

2018 255175

वर्ष              संख्या

2019 310349

2020 289148

2021 415924

Posted by : Sameer Oraon

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